Pilibhit: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पीलीभीत (Pilibhit) जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहा पीलीभीत जिलाधिकारी के खिलाफ अधिवक्ताओं ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है। बताया गया है कि जिले की तीन बार एसोसिएशनों ने यह प्रस्ताव पारित किया है। इसके साथ ही एक दिन के न्यायिक कार्य का भी बहिष्कार किया है।
किशोर न्यायालय में घुसकर कार्यवाही बाधित करने का आरोप
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसाल पीलीभीत में तीन बार एसोसिएशनों ने 17 फरवरी को सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों के साथ किशोर न्याय बोर्ड के अदालत रूम में घुसकर कथित रूप से कानूनी कार्यवाही को बाधित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट प्रवीण कुमार लक्षकार के खिलाफ बुधवार को निंदा प्रस्ताव पारित किया।
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300 से ज्यादा वकीलों ने दी सहमति
केंद्रीय, संयुक्त और सिविल बार एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हां और ना का आह्वान किया। इसके बाद 300 से अधिक वकीलों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया। उन्होंने विरोध स्वरूप एक दिन के लिए न्यायिक कार्य के बहिष्कार का भी एलान किया है।
डीएम का व्यवहार किशोर कोर्ट की भावनाओं के खिलाफः अध्यक्ष
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलविंदर सिंह सहोता ने कहा कि कोर्ट रूम में डीएम के सशस्त्र गार्डों की उपस्थिति में घुसपैठ ने बच्चों के लिए डराने वाला माहौल बनाया। यह किशोर न्याय की भावना के खिलाफ था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट भी भेजी गई रिपोर्ट
विशेष रूप से बोर्ड की महिला प्रधान मजिस्ट्रेट सुम्बुल इरशाद ने अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए प्रयागराज में न्यायपालिका के उच्च न्यायालय में किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष को शिकायत दर्ज की है। यह शिकायत जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार ने अग्रसारित की थी।