शाहनवाज चौधरी
Bulandshahr Hamid Murder Case Court Verdict: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के गद्दी-कुरैशी हिंसा के दौरान बिजनेसमैन की हत्या के मामले में ADJ/FTC फर्स्ट न्यायाधीश हरिकेश कुमार की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में 5 आरोपियों को दोषी मानते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया है। इसमें कोर्ट ने 2 आरोपियों को 55-55 हजार और 3 आरोपियों को 60-60 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
ये है पूरा मामला
साल 2012 में बुलंदशहर कोतवाली क्षेत्र के उपरकोर्ट क्षेत्र में गद्दी और कुरैशी बिरादरी के बीच हिंसा फैल गई थी। इसी हिंसा और तनाव के बीच 19 दिसंबर को चौक बाजार की दुकान पर बैठे हामिद की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस मामले में वादी पक्ष की तरफ से पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। साल 2013 में 11 सितंबर को पुलिस ने कोर्ट में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। 12 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अपर जिला जज ने राष्ट्रीय लोकदल के युवा जिलाध्यक्ष माजिद गाजी समेत 5 हत्यारोपियों को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। बता दें कि मृतक हामिद के परिजनों ने न्याय की उम्मीद की आश में 12 साल अदालती लड़ाई लड़ी और न्याय पा लिया।
कोर्ट ने इन 5 आरोपियों को दी सजा
इस बहुचर्चित हामिद हत्याकांड मामले में मुल्ला जमील, बक्शा, रालोद के युवा जिलाध्यक्ष माजिद, हिस्ट्रीशीटर मुल्ला फारुख और तोसिफ को अपर कोट थाना कोतवाली नगर जनपद बुलन्दशहर की कोर्ट ने दोषी माना है। मुल्ला फारुख पर 2 दर्जन से अधिक मुकदमे बताए जा रहे हैं।
इन लोगों को कोर्ट ने किया बरी
ADGC केशव देव शर्मा और कुश कुमार के मुताबिक ADJ/FTC फर्स्ट न्यायधीश हरिकेश कुमार की कोर्ट ने इस्तफा उर्फ इफ्तखार, राशिद, संजय उर्फ जावेद, शाहिद और वसीम को बुलन्दशहर को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
क्या है ऑपरेशन कन्विक्शन?
एसएसपी बुलंदशहर श्लोक कुमार ने बताया कि ऑपरेशन कनविक्शन के तहत सतत पैरवी की गई, इसलिए सजा मुमकिन हो पाई। पुलिस ने एक-एक पहलू पर इन्वेस्टिगेशन की और ठोस सबूत कोर्ट के सामने पेश किए। वादी पक्ष को उपयुक्त सुरक्षा का माहौल दिया गया। जिन लोगों को कोर्ट ने सजा सुनाई, वे बेहद रसूखदार और धनवान किस्म के लोग हैं। पुलिस अगर इसमें थोड़ी सी भी ढील बरतती, तो वादी को न्याय नहीं मिल पाता। इसलिए पुलिस ने बेहद संजीदगी के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।