Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में बन रहे बोड़ाकी मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (बोड़ाकी टर्मिनल) प्रोजेक्ट को लेकर आज किसानों और डीएम मेधा रूपम के बीच एक अहम बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में बोड़ाकी सहित आसपास के गांवों के किसानों ने अपने पुनर्वास और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी चिंताओं को सामने रखा. प्रशासन की ओर से वार्ता में किसानों से वादा किया है कि उनकी समस्याओं का समाधान कराने के लिए सर्वे कराया जाएगा.
सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट सर्वे का आश्वासन
बैठक के दौरान डीएम मेधा रूपम ने किसानों को आश्वस्त किया कि जल्द ही सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट सर्वे कराया जाएगा, जिससे यह आकलन किया जा सके कि परियोजना से ग्रामीणों के जीवन पर क्या असर पड़ेगा. आकलन के हिसाब से आगे निर्णय लिया जाएगा.
पुनर्वासन समिति और शिफ्टिंग नीति होगी तैयार
डीएम ने घोषणा की है कि किसानों के पुनर्वासन और समुचित व्यवस्थापन के लिए एक पुनर्वासन एवं पूर्णव्यवस्थापन समिति गठित की जाएगी, जो शिफ्टिंग पॉलिसी तैयार करेगी. यह नीति इस बात को सुनिश्चित करेगी कि जिन किसानों की जमीन ली जा रही है, उन्हें सुविधाजनक और सम्मानजनक तरीके से बसाया जा सके.
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किसानों को गांव के पास ही बसाने की योजना
प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि किसानों को उनके मूल गांवों के नजदीक ही बसाने की योजना है, जिससे वे भविष्य में इस परियोजना की सुविधाओं का सीधा लाभ उठा सके.
15 दिन में होगी अगली बैठक
डीएम ने बताया कि आगामी 15 दिनों में किसानों के प्रतिनिधियों के साथ एक और बैठक आयोजित की जाएगी. इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों की साप्ताहिक बैठकें भी नियमित रूप से होंगी, ताकि परियोजना की प्रगति और किसानों की समस्याओं पर निगरानी रखी जा सके.
कोई किसान बेघर नहीं होगा
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि जब तक किसानों के लिए ट्रांसफर भूमि चिन्हित और विकसित नहीं हो जाती तथा कब्जा नहीं मिल जाता तब तक किसी भी किसान को उनके घरों से बेदखल नहीं किया जाएगा. रेलवे अधिग्रहण की प्रक्रिया को भी स्थगित रखा जाएगा.
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