Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में बन रहे इंटरनेशनल स्तर के बोड़ाकी रेलवे स्टेशन परियोजना को लेकर किसानों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस परियोजना के तहत 7 गांवों की आबादी पूरी तरह से हटाई जाएगी। यहां मुआवजा दर अभी तय नहीं हो पाई है। जिला प्रशासन की तरफ से 50 प्रतिशत सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। बोड़ाकी रेलवे स्टेशन बनाने के लिए बोड़ाकी, पल्ला, पाली समेत 7 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।
इन तीन चीजों का हो रहा सर्वे
जिला प्रशासन की सर्वे टीम मकानों का मूल्यांकन, दस्तावेज जांच और निर्माण स्थिति का सर्वे कर रही है। ऐसा होने से किसानों को समय से मुआवजा मिल सकेगा। हालांकि मुआवजा दर अभी तय नहीं होने से किसानों में जरूर असमंजस की स्थिति है। उनको यह समझ नहीं आ रहा है कि मुआवजा मिलने के बाद वह कहां अपना आशियाना बनाएंगे।
प्रशासन कर रहा सर्वे
जिला प्रशासन का कहना है कि सर्वेक्षण कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। सर्वे पूरा होते ही मुआवजा वितरण की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। अधिकारियों ने यह भी दावा किया है कि प्रभावित लोगों को उचित और समय पर मुआवजा दिया जाएगा। इस परियोजना में कोई देरी नहीं होने दी जाएगी।
शत प्रतिशत जमीन अधिग्रहण जरूरी
प्रस्तावित बोड़ाकी रेलवे स्टेशन दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर को जोड़ेगा। इसके बनने से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिविधियों में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है। ऐसे में इसके लिए शत प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण होना जरूरी है। जमीन अधिग्रहण होने के बाद निर्माण कार्य में तेजी जाएगी।
क्या है यह परियोजना
बोड़ाकी रेलवे स्टेशन बनने से करीब 40 लाख लोगों को लाभ मिलेगा। यह एक ऐसा रेलवे स्टेशन होगा जहां से ट्रेन, मेट्रो व बस तीनों सुविधा उपलब्ध होगी। इसको बोड़ाकी टर्मिनल के नाम से भी जाना जाएगा। यहां पर ट्रेन के लिए 13 प्लेटफार्म बनेंगे। यहां से पूर्वी राज्यों व बिहार के लिए 70 ट्रेनों का ठहराव होगा। यह एक अंतरराज्यीय बस अड्डा भी होगा।
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