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भाजपा सांसद निरहुआ का दावा, बोले- जिस दिन अहीर रेजिमेंट का गठन होगा, चीन की रूह कांप जाएगी

New Delhi: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आजमगढ़ से भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान सेना (Indian Army) में अहीर रेजिमेंट (Ahir Regiment) बनाने की मांग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि सेना में अहीर रेजिमेंट बनती है तो चीन की आंख उठाने […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Dec 19, 2022 11:08
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New Delhi: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आजमगढ़ से भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirahua) ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान सेना (Indian Army) में अहीर रेजिमेंट (Ahir Regiment) बनाने की मांग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यदि सेना में अहीर रेजिमेंट बनती है तो चीन की आंख उठाने की हिम्मत नहीं होगी। चीन की रूह कांप जाएंगी।

पहले भी उठी है अहीर रेजिमेंट की मांग

जानकारी के मुताबिक सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग का कई नेता और पार्टियां कर चुकी हैं। वर्ष 2018 में समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अक्षय प्रताप यादव की पत्नी राज लक्ष्मी यादव ने भी सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग की थी। उन्होंने इस मांग को लेकर एक ट्वीट भी किया था।

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उन्होंने कहा था कि अहीर रेजिमेंट की मांग करना जातिवाद नहीं है। सेना में कई रेजिमेंट हैं, जिनका नाम राजपूत, डोगरा, जाट, गोरखा आदि जातियों के नाम पर रखा गया है। वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी हाल ही में अहीर रेजिमेंट बनाने का समर्थन किया था।

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने की थी मुलाकात

राव इंद्रजीत सिंह ने इस मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों से मुलाकात की थी। कहा था कि मैं सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग का पूरी तरह से समर्थन करता हूं। मैंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखा है और इस मांग के संबंध में उनसे मुलाकात भी की है। मैं इस मुद्दे को भविष्य में उठाता रहूंगा। वहीं राजद नेता के मनोज झा ने भी संसद में चल रहे बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे को उठाया था।

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ये है सेना में रेजिमेंट का इतिहास

भारतीय सेना में जाति-आधारित रेजिमेंट ब्रिटिश काल के दौरान अस्तित्व में आई थीं। अंग्रेजी काल में वर्ष 1857 के सिपाही विद्रोह के बाद इसका और ज्यादा विस्तार किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जोनाथन पील कमीशन को वफादार सैनिकों की भर्ती के लिए सामाजिक समूहों और क्षेत्रों की पहचान करने का काम सौंपा गया था।

अभी भारतीय सेना में हैं ये रेजिमेंट

चूंकि विद्रोह भारत के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों से था, इसलिए ब्रिटिश सरकार ने उन्हें सेना में भर्ती नहीं किया और भर्ती के केंद्र को उत्तरी भारत में बदल दिया। हालांकि स्वतंत्र भारत मे भी सेना में जाति और क्षेत्र-आधारित रेजिमेंटों को जारी रखा।आज की स्थिति में भारतीय सेना में जाट, सिख, राजपूत, डोगरा, महार, JAK राइफल्स और सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट हैं।

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Edited By

Naresh Chaudhary

Edited By

Manish Shukla

First published on: Dec 17, 2022 12:37 PM
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