IIT Kanpur: उत्तर प्रदेश के आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने लंबे समय से क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश कराने के शोध में बड़ी सफलता हासिल की है। एयरक्राफ्ट की मदद से करीब 5 हजार फीट की ऊंचाई पर हवा में एक केमिकल ब्लास्ट किया गया, जिसके बाद बारिश हुई। आईआईटी के अधिकारियों ने बताया कि यह परीक्षण डीजीसीए की अनुमति के बाद किया गया है। इस पूरे परीक्षण के इंचार्ज प्रो. मणींद्र अग्रवाल रहे।
डीजीसीए से ली अनुमति, फिर हुआ टेस्ट
प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के कारण इस परीक्षण में थोड़ा वक्त लग गया। उन्होंने बताया कि कुछ उपकरण अमेरिका से आने थे, जिनमें करीब दो साल का वक्त लग गया। इसके बाद नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने भी अनुमति दे दी। प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि डीजीसीए की परमिशन के बाद इसका सफल परीक्षण किया गया है।
आईआईटी ने बुधवार को क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश कराने का टेस्ट कामयाब रहा। 5 हज़ार फुट की ऊंचाई पर गए सेना एयरक्राफ्ट से घने बादलों के बीच केमिकल पाउडर फायर किया गया। इसके बाद बारिश हुई। लंबे समय से क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश के प्रयासों में लगे आईआईटी कानपुर ने बड़ी… pic.twitter.com/fJ9d4L1xrs
— Bharat Chhabra 🇮🇳 (Modi Ka Parivar) (@bharatchhabra) June 22, 2023
---विज्ञापन---
2017 से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है आईआईटी कानपुर
जानकारी के मुताबिक, आईआईटी कानपुर वर्ष 2017 से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में क्लाउड सीडिंग परीक्षण की अनुमति दे दी थी, लेकिन कुछ उपकरण अमेरिका में फंसे होने के कारण इसका परीक्षण अटका हुआ था। प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि इस तकनीक के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण और सूखे की स्थिति में बारिश कराकर लोगों को राहत दी जा सकती है।
परीक्षण का हो रहा है आकलन
उन्होंने बताया कि दिल्ली-मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में वायु प्रदूषण से लोगों को अब जल्दी ही राहत मिल सकती है। बताया गया है कि आईआईटी कानपुर हवाई पट्टी से उड़े एयरक्राफ्ट के जरिए बादलों के बीच में एक खास केमिकल ब्लास्ट कराया गया था, जिसके बाद क्लाउड सीडिंग होकर बारिश हुई।
अधिकारियों ने बताया कि यह सब कुछ आईआईटी कानपुर के ऊपर ही किया गया, जिसका परीक्षण सफल रहा। इस सफल टेस्टफ्लाइट के नतीजों का आकलन करने के बाद यह तय किया जाएगा कि आगे इसके और कितनी बार परीक्षण कराए जाने की संभावना है।