प्रांजुल मिश्रा, कानपुर देहात
Bhadras Rape Kand Accused Convicted Life Imprisonment: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित भदरस कांड के चारों दोषियों को आज शनिवार को कानपुर देहात न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही 20-20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया। कानपुर का भदरस कांड ऐसा वीभत्स कांड है, जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए, क्योंकि दिवाली की उस रात कुछ ऐसा हुआ था कि एक हंसते खेलते परिवार के जीवन में हमेशा के लिए अंधकार छा गया।
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क्या है कानपुर में हुआ भदरस कांड?
घाटमपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले शख्स ने बताया कि 14 नवंबर 2020 को दिवाली की रात उनके जीवन की वो काली रात थी, जिसने उनके जीवन में उथल-पुथल मचा कर रख दी थी। उनकी 7 साल की बेटी घर के बाहर अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी। बच्ची ने पिता से दुकान से कुछ खरीदने के लिए पैसे मांगे। रुपये मिलने के बाद बच्ची दुकान से कुछ लेने गई, लेकिन इसके बाद वह घर नहीं लौटी। बच्ची को बहुत ढूंढा गया, लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। यहां तक कि मंदिर-मस्जिद सभी जगहों पर अनाउंस तक कराया गया, लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं लगा। दिवाली की अगली सुबह जब शौच के लिए 2 महिलाएं गांव के ही मंदिर के पीछे एक खेत में गई तो मासूम बच्ची के आधे शरीर को खेत में पड़ा देख दंग रह गईं। महिलाओं ने गांव वालों को बुलाया। मौके पर पुलिस पहुंची। डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया। कुत्ते सूंघते-सूंघते गांव के अंदर जा पहुंचे। पड़ोसी के घर पहुंचे तो देखा ताला लगा था। पता चला कि घर में रहने वाला दंपति दिवाली की रात से ही गायब है। पुलिस ने किसी तरह से आरोपियों को पकड़ा तो पूछताछ में घटना खुलकर सामने आई तो सबके होश फाख्ता हो गए।
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क्या हुआ था उस रात बच्ची के साथ
गांव के ही रहने वाले परशुराम और उसकी पत्नी ने अपने भतीजों अंकुल और वीरन से बच्ची को पटाखे और चॉकलेट देने के बहाने अपने घर बुलवाया। संतान के लालच में मासूम से पहले रेप किया गया, फिर हत्या कर दी। इसके बाद उसका कलेजा निकालकर रोटी के साथ खा गए थे। वहीं कुछ लोग यह भी कहते हैं कि परशुराम और उसकी पत्नी ने संतान के लालच में बच्ची की बलि के बाद उसका कलेजा भी खाया था। इतना ही नहीं लोग तो यह भी बोलते हैं कि वीरन और अंकुल ने बच्ची के साथ रेप किया था और चाचा परशुराम और उसकी पत्नी ने बच्ची की बलि दी थी। अंकुल और वीरन गिरफ्तार किए गए थे। उनके द्वारा किए गए खुलासे के बाद परशुराम और उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। तत्कालीन SP बृजेश श्रीवास्तव के अनुसार, परशुराम की शादी 1999 में हुई थी, लेकिन बच्चे नहीं होने के कारण तंत्र विद्या के नाम पर दंपति ने इतना खौफनाक कदम उठाया था।
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मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने जताया था आक्रोश
मामले की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्रोशित हो गए थे। उन्होंने अधिकारियों से मामले की सम्पूर्ण जानकारी लेते हुए निष्पक्ष जांच करने, पीड़ितों को हर संभव मदद करने और दोषियों को कड़ी मेहनत करने के आदेश दिए थे।