Varanasi: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) जिले में प्रशासन और कुछ गैर सरकारी संस्थाओं ने मिलकर एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी को भिक्षावृत्ति से मुक्त (Beggary free Kashi Campaign) किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि मंदिरों के बाहर और शहर भर में इसके लिए साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। साथ ही भिखारियों की काउंसलिंग की जाएगी।
15 दिनों तक चलेगा अभियान
जानकारी के मुताबिक भिखारियों को भीख देने से लोगों को मना करने के लिए वाराणसी में रविवार (12 मार्च) से एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है। जिले के अधिकारियों ने कहा कि ‘भिक्षावृत्ति मुक्त काशी’ अभियान का उद्देश्य अगले 15 दिनों में मंदिर शहर को इस समस्या से मुक्त करना है।
भिखारियों की होगी काउंसलिंग
एक आधिकारिक बयान के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट एस राजलिंगम ने अभियान से एक दिन पहले इसके तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके तहत भिक्षुओं (भिखारियों) की काउंसलिंग की जाएगी।
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अश्रय सदनों में रखे जाएंगे भिखारी
अधिकारी ने बताया कि एक टीम का गठन किया गया है जो 13 मार्च से शहर में भिक्षुओं को ‘अपना घर’ आश्रमों और आश्रय गृहों में भेजेगी। प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि नगर निगम और पुलिस अधिकारी उत्तर प्रदेश भिक्षावृत्ति निषेध अधिनियम, 1975 के बारे में जन जागरूकता फैलाएंगे।
प्रशासन ने एनजीओ से मांगा सहयोग
अतिरिक्त नगर आयुक्त को आश्रय गृहों में सुविधाएं तैयार करने और लोगों को भिक्षावृत्ति के लिए हतोत्साहित करने वाले साइन बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। सीडीओ हिमांशु नागपाल ने एनजीओ अपना घर और रोटी बैंक से इस काम में सहयोग मांगा। बैठक में अपर नगर आयुक्त, जिला समाज कल्याण अधिकारी, पुलिस अधिकारी समेत अन्य उपस्थित थे।