Many schools will be sealed after Diwali: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने के लिए कई बार अनेकों प्रयास किए गए। बावजूद इसके स्कूलों की हालत बद से बद्तर हालत में ही देखने को मिलती है। कहीं दो कमरे में स्कूल संचालित हो रहा है तो कहीं टिनशेड में कक्षाएं चल रही हैं। इतना ही नहीं, किसी-किसी स्कूल में तो क्लास के भीतर सिर्फ 4 बच्चे ही बैठे नजर आते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग बिना मान्यता के संचालित हो रहे ऐसे स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। कड़े निर्देशों के बाद भी व्यवस्थाओं को दुरुस्त न करके मानकों को पूरा न करने के साथ ऐसे स्कूल पिछले साल चलाए गए अभियान के बाद किसी तरह 11 महीने तक संचालित हुए। अब दिवाली के बाद ऐसी स्कूलों पर ताला लगाने का अभियान शुरू होगा।
दिसंबर-जनवरी में विभाग की ओर से चलाया गया था अभियान
आपको बता दें कि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के अलग अलग जिलों में बिना मान्यता के संचालित हो रहे स्कूलों पर दिसंबर- 22 और जनवरी 2023 में अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत अलग-अलग जिलों के कई स्कूलों पर ताला लगाया गया था। इस दौरान विभाग की ओर से दी गई चेतावनी के बाद कुछ स्कूलों ने मान्यता लेने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी थी लेकिन अभियान के शांत हो जाने के बाद स्कूल भी अपने पुराने रूप में संचालित होने लगे।
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दो दिन पहले वाराणसी से दो स्कूलों को किया गया थी सील
जानकारी के अनुसार, ठीक दो दिन पहले लापरवाही के दायरे में आने वाले दो स्कूलों को बीएसए के निर्देश पर सील।किया गया था। बताया जाता है कि भेलूपुर जोन में खंड शिक्षाधिकारियों की टीम ने दो स्कूलों को सील किया था। अब इसी अभियान के तहत जिलों में ऐसे अन्य स्कूलों की तलाश शुरू हो गई है जो बिना मान्यता और सरकार की ओर से जारी मानकों को पूरा किए बिना संचालित किए जा रहे हैं। जानकारी ये भी है कि मानकों के खिलाफ चलने वाले आज स्कूल किताबें, ड्रेस के कमीशन के साथ ही फीस में भी मनमानी वसूली करते हैं।
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स्कूल सील होने के दौरान बच्चों को दूसरे स्कूल में किया जाएगा शिफ्ट
वाराणसी के BSA डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने इसपर जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल संचालकों की मनमानी की वजह से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। स्कूल की मान्यता देने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कुछ मानक जारी किए गए हैं, उन मानकों को पूरा किए बिना संचालित हो रहे स्कूलों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। सीलिंग की कार्रवाई के दौरान यहां पढ़ रहे बच्चों को आसपास के स्कूलों में शिफ्ट कराया जाएगा।
जानिए! स्कूल की मान्यता के लिए क्या हैं नियम
शिक्षा विभाग के मानकों के अनुसार, स्कूल के आसपास अपना भवन या लीज पर लिया गया भवन हो। स्कूल के साथ निश्चित आकार में खेल का मैदान जरूर मौजूद हो।मानकों के अनुसार, कक्षा 5 या 8 तक की मान्यता के लिए उतनी संख्या में कक्षाएं होना अनिवार्य है। इसके साथ ही, विषयों के मुताबिक ही शिक्षकों की नियुक्ति हो। स्कूल में अग्नि सुरक्षा, पेयजल और प्रसाधन के इंतजाम होंगे।