उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी निवासी पद्मश्री बाबा शिवानंद महाराज ने इस दुनिया को अलविदा कर दिया। सर सुंदर लाल अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसके बाद 3 मई को वाराणसी में उनका निधन हो गया। बाबा शिवानंद की उम्र 128 साल बताई जा रही है। अपने योग और दैनिक दिनचर्या के साथ लंबी और स्वस्थ जीवन जीने के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। आज के दौर में जहां भरी जवानी में ही लोगों के दिल के दौरे पड़ जाते हैं, ऐसे में बाबा शिवानंद महाराज लोगों के लिए एक प्रेरणा थे। जानिए उनको इतनी लंबी जिंदगी कैसे मिली? वह अपना दिन कैसे बिताते थे?
कैसे शुरू होता था दिन?
128 साल की उम्र में बाबा शिवानंद ने अंतिम सांस ली। उनको लेकर लोगों के मन में एक ही सवाल है कि आखिर वह क्या खाते थे और अपना दिन कैसे बिताते थे? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके शिष्य ने बताया था कि ‘गुरुजी का मंत्र है नो ऑयल ओनली बॉयल।’ इसके साथ ही वह सूर्योदय से पहले उठ जाते थे, जिसके बाद वह अपने नियत कामों को करने के बाद आधा घंटा योग जरूर करते थे। इसके बाद वह पूजा-पाठ करते और फिर गर्म पानी पीते थे।
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खाने में क्या लेते थे?
पानी पीने के बाद वह एक सब्जी के साथ दो रोटी खाते थे। इसके बाद वह पूरा समय अपने काम करते रहते थे। शाम होते ही वह थोड़ी देर तक योग करते थे। शाम में उबला हुआ खाना खाते थे, जिसमें चूड़ा या दूसरी कुछ हल्की चीजें होती थीं। वहीं, डिनर में हल्का भोजन लेने के बाद 8 बजे से पहले ही वह सोने के लिए चले जाते थे। दरअसल, बाबा का मानना था कि हर दिन 6 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। उनका कहना था कि जल्दी सोना और जल्दी उठना सबको अपनी आदत में शुमार करना चाहिए। इसके अलावा, ज्यादा तेल-मसालों वाला भोजन परेशानी का कारण बनता है।
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