Ayodhya Properties Price Hike : किसी भी शहर के आर्थिक विकास का अंदाजा लगाना हो तो वहां के रियल एस्टेट बाजार की स्थिति इस तस्वीर पर बहुत असर डालती है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या की बात करें तो पिछले 4 साल से यहां के रियल एस्टेट बाजार का रुख ऊपर की ओर ही रहा है। इस दौरान यहां प्रॉपर्टीज की कीमतों में भारी उछाल आया है।
अयोध्या में पिछले 4 साल के दौरान प्रॉपर्टी के दाम 4 गुना बढ़ गए हैं। अब रामलला के आ जाने के बाद इसमें और तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।#Ayodhya #AyodhyaRealEstate
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पिछले 4 साल में यहां हर तरह की प्रॉपर्टीज में रियल एस्टेट के सौदों में लगातार तेजी देखने को मिली है। स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट का डाटा दिखाता है कि बिक्री के काम में समय के साथ इजाफा हुआ है। एक साल में होने वाली रियल एस्टेट डील्स की संख्या में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, पिछले 4 साल में इनकी कीमतें 400 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं।
राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ और…
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान अयोध्या शहर में 18,329 प्रॉपर्टीज की बिक्री दर्ज की गई थी। विभाग को स्टांप ड्यूटी फीस के जरिए ही 115 करोड़ रुपये की आय हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के करीब 10 महीने बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का काम अगस्त 2020 में शुरू हुआ था। इसी के बाद बाहर के लोगों ने यहां संपत्तियों में रुचि दिखानी शुरू की थी।
कोरोना के दौरान भी नहीं गिरीं कीमतें
साल 2021-22 में एग्रीकल्चरल, नॉन-एग्रीकल्चरल और कॉमर्शियल संपत्तियों की बिक्री बढ़कर 20,321 हो गई थी। उस साल स्टांप ड्यूटी के जरिए 149 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। खास बात यह है कि इस साल देश कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का सामना भी कर रहा था। साल 2022-23 में 22,183 संपत्तियों की बिक्री से 138 करोड़ रुपये की आय हुई थी।
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कैसी है उम्मीद
मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में 1 अप्रैल 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक 18,887 संपत्तियों की बिक्री दर्ज की गई थी। विभाग को उम्मीद है कि 31 मार्च 2024 को वित्त वर्ष खत्म होने तक यह संख्या 26,500 तक जा सकती है। तीन तिमाहियों में 138.16 करोड़ का रेवेन्यू पहले ही जुटाया जा चुका है, जो वित्त वर्ष खत्म होते-होते 185 से 195 करोड़ तक रुपये जा सकता है।
2017 के बाद से नहीं बदला सर्किल रेट
स्टांप ड्यूटी के जरिए आय बढ़ने का कारण यह है कि इसकी गणना डीड में बताई गई संपत्ति की कीमत को ध्यान में रखते हुए की जाती है। स्टांप ड्यूटी के कलेक्शन में इजाफा होना बताता है कि या तो सौदे के आकार में या फिर उसकी कीमत में बढ़ोतरी हुई है। अधिकारियों के अनुसार अयोध्या में साल 2017 के बाद से सर्किल रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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