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अयोध्या में CM योगी का फिर इम्तिहान, एक सीट जीतने के लिए 4 मंत्री मोर्चे पर डटे, ये है पूरा प्लान

Yogi Adityanath News: विधानसभा उपचुनाव की 10 सीटों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फोकस मिल्कीपुर सीट पर है। इस सीट पर बीजेपी ने 4 मंत्रियों को लगा रखा है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jul 18, 2024 11:42
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मिल्कीपुर विधानसभा सीट अवधेश प्रसाद की गढ़ मानी जाती है।
मिल्कीपुर विधानसभा सीट अवधेश प्रसाद की गढ़ मानी जाती है।

Milkipur Assembly Byelection 2024: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिए वाटरलू साबित हुआ। अयोध्या धाम की सीट फैजाबाद में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन अब बीजेपी के पास मौका है कि वह अपनी प्रतिष्ठा बचा सके। दरअसल आने वाले दिनों में यूपी में विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव होंगे। इन 10 सीटों में से एक सीट अयोध्या की मिल्कीपुर सीट भी है। मिल्कीपुर सीट से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद विधायक थे, जो लोकसभा का चुनाव लड़े और बीजेपी के लल्लू सिंह को हराकर संसद पहुंचे।

मिल्कीपुर विधानसभा का उपचुनाव सिर्फ एक चुनाव नहीं है, बल्कि सीएम योगी और बीजेपी के लिए यह प्रतिष्ठा बचाने की लड़ाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे ज्यादा फोकस मिल्कीपुर सीट पर किया है। इस सीट पर चार मंत्रियों के अलावा संगठन के बड़े नेताओं को चुनाव की कमान सौंपी गई है। मिल्कीपुर सीट के लिए सूर्य प्रताप शाही, मयंकेश्वर शरण सिंह, गिरीश यादव और सतीश शर्मा को कमान थमाई गई है।

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प्रभारियों को CM योगी ने दिए टास्क

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभारी मंत्रियों को विधानसभा क्षेत्र में हर हफ्ते 2 दिन रात्रि विश्राम का टास्क दिया है। इस दौरान प्रभारी मंत्रियों को एक-एक कार्यकर्ता से मिलना है। और बूथ को मजबूत करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना है। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि जब तक चुनाव समाप्त नहीं जाता प्रभारी क्षेत्र में मौजूद रहेंगे।

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क्या है मिल्कीपुर सीट का समीकरण

मिल्कीपुर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। इस सीट पर 2017 में भाजपा के गोरखनाथ को जीत मिली थी। 2022 में इस सीट से सपा के अवधेश प्रसाद जीते। अवधेश प्रसाद को करीब 1 लाख 3 हजार वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के बाबा गोरखनाथ को 90 हजार 5 सौ से ज्यादा वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर रहीं बीएसपी की मीरा देवी को 14 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी नीलम कोरी को 3 हजार से ज्यादा वोट मिले थे।

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2017 में बीजेपी प्रत्याशी गोरखनाथ को 86 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि अवधेश प्रसाद को 58 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। बसपा के रामगोपाल 46 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर पर थे। जाहिर है कि बसपा के मजबूती से लड़ने का असर सपा के वोट शेयर पर पड़ा था। लेकिन, 2022 में स्थितियां बदलीं तो अवधेश प्रसाद बाजी मार गए।

अगर सपा और बीजेपी के वोट शेयर को देखा जाए तो 2022 में जीत के मार्जिन में करीब 6 प्रतिशत का अंतर है। बीजेपी इस सीट पर मजबूत स्थिति में है, उसके लिए यह अंतर पाट पाना मुश्किल नहीं है। लेकिन इसी सीट से अवधेश प्रसाद 8 बार विधायक रहे हैं। अवधेश प्रसाद इस सीट से लगातार जीतते रहे हैं। बीजेपी उन्हें सिर्फ 2017 में हरा पाई है। देखना होगा कि बीजेपी अवधेश प्रसाद से यह सीट छीन पाती है कि नहीं।

किन 10 सीटों पर होना है उपचुनाव

यूपी में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है। उनमें अलीगढ़ की खैर सीट, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, गाजियाबाद की गाजियाबाद सदर सीट, मिर्जापुर की मझवां, मुरादाबाद की कुंदरकी और मैनपुरी की करहल सीट शामिल है।

जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं। उनमें से 5 सीटें समाजवादी पार्टी के हिस्से की हैं। 2022 के चुनाव में भाजपा ने इनमें से तीन सीटें जीतीं थीं। आरएलडी और निषाद पार्टी के पास एक-एक सीट थी।

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News24 हिंदी

First published on: Jul 18, 2024 11:42 AM

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