---विज्ञापन---

रेप के आरोप अवैध हो सकते हैं, पढ़ें इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला

Allahabad High Court Rape Case Verdict: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म केस में आरोपी युवक के पक्ष में बेहद अहम फैसला सुनाया है। एक बच्ची की मां ने उस पर FIR दर्ज कराई थी, लेकिन हाईकोर्ट की जांच और पूछताछ में मामला कुछ और ही निकला।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: May 12, 2024 11:03
Share :
Prajawal Revanna Scandal Survivor Sexual Harassment
प्रज्वल रेवन्ना केस की पीड़िताओं ने बयान दर्ज करवाने शुरू कर दिए हैं।

Allahabad High Court Rape Case Verdict: दुष्कर्म के आरोप अवैध हो सकते हैं। क्योंकि रेप नहीं हुआ होता और आरोप लगा दिए जाते हैं, इस वजह से लड़की खुद परेशान होती है, दूसरों को भी बेवजह परेशानी होती है। ऐसे में अगर दुष्कर्म हुआ ही नहीं तो दुष्कर्म होने के आरोप लगाना भी अवैध है।

यह फैसला उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया है, साथ ही रेप केस भी खारिज कर दिया गया है। जस्टिस राजीव मिश्र की पीठ ने फैसला सुनाया। बुलंदशहर के पहासू थानाक्षेत्र निवासी संजय गौड़ ने आपराधिक पुनर्निरीक्षण याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करने के बाद अहम फैसला जस्टिस ने सुनाया।

यह भी पढ़ें:चोर उचक्के से लेकर मंगलसूत्र तक…Arvind Kejriwal के 8 बड़े बयान

फैसले में एक्सप्लेन की गईं रेप की धाराएं

जस्टिस ने अपने फैसले में कहा कि अगर रेप हुआ है तो यह IPC की धारा 375 के तहत अपराध है। अगर रेप नहीं हुआ है तो यहा धारा 376AB के तहत अपराध नहीं है। मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने रेप के आरोप भी नहीं लगाए, फिर भी युवक के खिलाफ IPC की धारा 376AB/511, 504 और पाक्सो एक्ट की धारा 9M/10 के तहत FIR दर्ज कर दी गई, जो खारिज की जाती है।

आरोपी युवक ने भी अपने बयान में यही कहा कि उसने बच्ची को हाथ तक नहीं लगाया, इसलिए उसके खिलाफ रेप का केस नहीं बनता। मजिस्ट्रेट के सामने भी बच्ची ने रेप या किसी तरह की गलत हरकत की बात नहीं कही।

यह भी पढ़ें:Britain: फ्लाइट में पैसेंजर्स के सामने सेक्स; गले में बांहें डाले, सीने से चिपकी दोस्त के ऊपर बैठी थी लड़की

मां ने बच्ची का मेडिकल नहीं कराया था

हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट में याचिका दायर करके युवक के खिलाफ धारा 376AB के तहत लगाए गए आरोपों को चुनौती दी गई थी। याची ने अपनी सफाई में बताया कि न बच्ची ने रेप होने की बात कही। न उसकी मां ने अपने बयान में रेप होने की बात कही। मां ने अपनी बच्ची का मेडिकल कराने से भी मना कर दिया था।

ऐसे में उस पर लगाए गए आरोप झूठे और निराधार है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में जो रेप के आरोप लगाए हैं, वह खुद से बनाए गए हैं। इसलिए याचिका दायर करके आरोपों की वैधता को चुनौती दी गई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपों को खारिज कर दिया गया।

यह भी पढ़ें:2 को उम्रकैद, मुख्य आरोपी बरी…Narendra Dabholkar हत्याकांड में 11 साल बाद आया अहम फैसला

First published on: May 12, 2024 10:56 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें