यह सप्ताह सपा नेता आजम खान के लिए काफी राहतभरा रहा। 18 सितंबर को आजम खान को हफ्ते में तीसरी बार राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता आजम खान को बड़ी राहत देते हुए उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है। यह मामला रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हरदोई पट्टी में क्वालिटी बार पर कथित तौर पर अवैध कब्जा करने से जुड़ा है। साल 2019 में राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था।
गत 16 सितंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को अवमानना के मामले में बरी किया था। इससे पहले 10 सितंबर को डूंगरपुर मामले में भी कोर्ट ने आजम खान को जमानत दी थी। बता दें कि आजम खान को अब सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है। अधिवक्ता इमरानउल्लाह ने बताया कि आजम खान पर दर्ज सभी मुकदमों में उनकी जमानत मंजूर हो चुकी है। जल्दी ही उनके जेल से बाहर आने की उम्मीद की जा रही है।
16 सितंबर को भी एक केस में हुए थे बरी
सपा के वरिष्ठ नेता और यूपी सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 16 सितंबर को अवमानना के एक मामले में बरी कर दिया था। मामला साल 2020 में छजलैट थाना क्षेत्र का था। कथित तौर पर रोड जाम करने के आरोप में सपा नेता आजम खान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और अन्य सपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें आजम खान और अब्दुल्ला आजम को 2-2 साल की सजा हुई थी। अब्दुल्ला आजम की विधायकी भी गई थी। इसी केस में कोर्ट में बार बार पेश नहीं होने पर आजम खान पर अवमानना का मुकदमा दर्ज किया गया था।
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डूंगरपुर कांड में दर्ज हुए थे 12 मुकदमें
साल 2016 में रामपुर जिले में गंज थाना में डूंगरपुर कांड हुआ था। सपा सरकार में डूंगरपुर बस्ती के निवासियों को जबरन बेदखल करने का आरोप लगाया गया था। अबरार नामक ने साल 2019 में सपा नेता आजम खान, रिटायर सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें अबरार ने आरोप लगाया था कि 2016 में इन लोगों ने उसके के साथ मारपीट की। घर में तोड़फोड़ की और जान से मारने की धमकी दी।
इसमें पुलिस ने लूट, चोरी, मारपीट और अन्य धाराओं के तहत कुल 12 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसके बाद 30 मई 2024 को रामपुर की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने आजम खान को 10 साल और बरकत अली को 7 साल की सजा सुनाई थी। फैसले के खिलाफ आजम खान और बरकत अली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 10 सितंबर 2025 को आजम खान और बरकत अली को जमानत दे दी गई थी।
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