लखनऊ से बड़ी खबर सामने आई है। सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी विधायकी खत्म कर दी गई है। इसके साथ ही विधानसभा सचिवालय ने मऊ सीट पर दोबारा चुनाव कराने का प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजा है। कोर्ट ने शनिवार को अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद आज रविवार को भी सचिवालय खोला गया और अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म कर दी गई।
जानें पूरा मामला
मऊ विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी कैसे रद्द हुई आइये जानते हैं। अंसारी मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे थे। तारीख थी 3 मार्च 2022। इस दौरान अंसारी ने कहा कि जो आज डंडा चला रहे हैं वे सुन ले अगले सीएम अखिलेश भैया से कहकर आया हूं सरकार बनने के 6 महीने तक कोई तबादला और तैनाती नहीं होगी। जो है वह वहीं रहेगा। जिसके साथ जो किया है उसका हिसाब देना पड़ेगा।
2022 में ईडी ने कसा था शिकंजा
बयान के बाद चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के लिए उनके चुनाव प्रचार रोक लगा दी थी। 4 अप्रैल 2022 को एसआई की शिकायत पर शहर कोतवाली में मामला दर्ज हुआ। इसमें अब्बास, छोटे भाई उमर अंसारी के अलावा 150 लोगों को आरोपी बनाया गया। बता दें कि मनी लाॅन्ड्रिंग और गैंगस्ट एक्ट मामले में अब्बास अंसारी 2 साल 8 महीने बाद जेल से निकले। अब्बास को ईडी ने नवंबर 2022 में हिरासत में लिया था।
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यूपी में इन विधायकों की सदस्यता हुई खत्म
बता दें कि यूपी में इससे पहले सपा विधायक अब्दुल्ला आजम, इरफान सोलंकी, रशीद मसूद, बीजेपी विधायक अशोक चंदेल और उन्नाव से बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की सदस्यता खत्म हो चुकी है। इन सभी विधायकों की सदस्यता कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद खत्म हुई है।
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