UP News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद के कब्जे से मुक्त कराई जमीन पर योगी सरकार ने गरीबों के लिए सस्ते फ्लैट बनाकर तैयार किए हैं। आज यानी शुक्रवार को सीएम योगी इन फ्लैटों की चाबी आवंटियों को सौंपेंगे। प्रशासन की ओर से पूरी इमारत को फूलों से सजाया गया है। बताया गया है कि एक फ्लैट की कीमत करीब 3.5 लाख रुपये रखी गई है।
दिसंबर 2021 में रखी गई थी आधारशिला
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने 26 दिसंबर, 2021 को प्रयागराज के लूकरगंज क्षेत्र में माफिया अतीक के कब्जे से मुक्त कराई 1731 वर्ग मीटर जमीन पर इस किफायती आवास परियोजना की आधारशिला रखी थी। अधिकारियों ने बताया है कि वर्ष 2020 में इस जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया था।
अधिकारियों ने कुछ दिन पहले कहा गया था कि यह परियोजना जिला शहरी विकास प्राधिकरण (डूडा) की ओर से पीएम आवास योजना के तहत शुरू की गई थी। दो ब्लॉकों में 76 फ्लैट बनाए गए हैं। एएनआई से बात करते हुए एक लाभार्थी ने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे अपना घर मिलेगा। अब कोई मुझे यहां से जाने के लिए नहीं कहेगा।
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath to hand over flats for the poor, built on land confiscated from slain gangster-turned-politician Atiq Ahmed, in Prayagraj shortly.
---विज्ञापन---The CM will handover the keys of 76 of these flats. pic.twitter.com/kaykIUaLSA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 30, 2023
दो ब्लॉकों, चार मंजिला इमारत में 76 फ्लैट
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि दो ब्लॉकों में बनी इमारत चार मंजिला है। इसमें एक फ्लैट की कीमत 7.5 लाख रुपये है, जबकि गरीब लाभार्थियों के लिए इसकी कीमत 3.5 लाख रुपये रकी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 76 फ्लैटों को खरीदने के लिए 6 हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था।
बसपा विधायक और मुख्य गवाह की हत्या का था आरोप
बता दें कि अतीक अहमद, वर्ष 2005 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या और इस साल फरवरी में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या का आरोपी था। इसके अलावा अतीक, उसके भाई अशरफ समेत परिवार के सभी लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज थे।
इसी साल 15 अप्रैल को प्रयागराज में अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या उस वक्त हुई थी, जब पुलिस उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लेकर जा रही थी।