Noida News: नोएडा में कर्मचारियों को ईएसआईसी और प्रोविडेंट फंड (पीएफ) की सुविधाएं देने से बचने के लिए नोएडा में सैकड़ों फैक्ट्रियां शॉप एक्ट के नाम पर चल रही थी. अब नोएडा अथॉरिटी के ताजा सर्वे में यह बड़ा खुलासा हुआ है. सर्वे के शुरुआती चरण में 210 फैक्ट्रियों की पहचान की गई है, जिन्हें अथॉरिटी ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
सर्वे अभी भी जारी
इस मामले में सर्वे अभी जारी है और जल्द ही शेष 40 फैक्ट्रियों की सूची भी तैयार की जा रही है. अथॉरिटी ने इस रिपोर्ट की एक सूची श्रमिक विभाग को भी भेजी है ताकि वहां से भी कार्रवाई शुरू की जा सके.
कानून से बचने के लिए शॉप एक्ट का सहारा
नोएडा में करीब 10 हजार से अधिक छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं. किसी भी इकाई में अगर 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हो तो उसे फैक्ट्री एक्ट के तहत पंजीकृत होना आवश्यक है. ऐसे प्रतिष्ठानों को अपने कर्मचारियों को ईएसआईसी और पीएफ जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं देना अनिवार्य है.
फैक्ट्री को शाॅप के रूप में दर्ज कराया
कई संचालक इस जिम्मेदारी से बचने के लिए फैक्ट्री को शॉप के रूप में दर्ज करा कर संचालन करते रहे. इस तरह वह श्रम कानूनों को दरकिनार कर रहे थे और कर्मचारियों को वैधानिक अधिकारों से भी वंचित कर रहे थे.
नोएडा अथॉरिटी की कार्रवाई से हड़कंप
नोएडा अथॉरिटी के सर्वे में कई ऐसे प्रतिष्ठान सामने आए हैं, जहां कर्मचारियों की संख्या 100 से भी अधिक है, लेकिन पंजीकरण शॉप एक्ट में कराया गया है. यह सर्वे प्रदेश की औद्योगिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक ढांचे में लाने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
फैक्ट्री संचालकों में मची खलबली
सर्वे की जानकारी सामने आने के बाद फैक्ट्री संचालकों में खलबली मच गई है. अब इन इकाइयों को फैक्ट्री एक्ट में पंजीकरण कराना होगा साथ ही वर्षों से शॉप एक्ट के तहत किए गए संचालन का जवाब भी देना होगा.
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