---विज्ञापन---

उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

16000 मजदूरों ने 80 दिन तक बहाया पसीना, महाकुंभ के लिए ऐसे तैयार की 26 हेक्टेयर जमीन

Sangam Nose expansion for pilgrims: प्रयागराज महाकुंभ अब समाप्ति की ओर है। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ आधिकारिक तौर पर समाप्त हो जाएगा। यह इस महाकुंभ का आखिरी और पांचवा स्नान होगा। ऐसे में आइये जानते हैं कैसे महाकुंभ के लिए 26 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन तैयार की गई।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Feb 17, 2025 08:49
Sangam Nose expansion for pilgrims
Sangam Nose expansion for pilgrims

Mahakumbh 2025 preparations Prayagraj: प्रयागराज महाकुंभ में 13 जनवरी से अब तक 53 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। रविवार को श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई। प्रयागराज-रीवा हाईवे पर 15 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। लखनऊ, कानपुर, जौनपुर के रास्तों पर भी गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली। भीड़ के चलते संगम स्टेशन को 26 फरवरी तक के लिए बंद कर दिया गया। अब जब महाकुंभ खत्म होने में सिर्फ 9 दिनों का समय बचा है तो आइये जानते हैं कैसे महाकुंभ के लिए संगम घाट को कैसे तैयार किया गया?

महाकुंभ की तैयारी के लिए संगम के घाटों पर एक प्रोजेक्ट के तहत 26 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन तैयार की गई। इसके लिए करीब 16000 से अधिक मजदूरों से 80 दिनों तक काम किया। बता दें कि गंगा तीन अलग-अलग धाराओं में बहती थी। छोटे-छोटे द्वीपों की मौजूदगी के कारण ये धाराएं उचित संगम नहीं बना सकी। गंगा के प्रवाह के कारण श्रद्धालुओं को समायोजित करने के लिए सिंचाई विभाग और नगर-निगम की देखरेख में बड़े पैमाने पर ड्रेजिंग प्रकिया शुरू की गई।

---विज्ञापन---

स्कूबा डाइविंग के जरिए लगाए 80 किलो वजनी पाइप

मजदूरों ने रेत के टीलों को हटाने, नदी के किनारों को चौड़ा करने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग किया। इस दौरान श्रमिकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जिसमें नदी की तेज धाराएं और डेंगू जैसी बीमारियां शामिल थीं। 80 किलो वजनी और 350 मिमी व्यास वाले भारी पाइप लगाने के लिए गंगा में स्कूबा डाइविंग करनी पड़ी। 20 से 40 टन वजनी चार ड्रेजरों का उपयोग करते हुए श्रमिकों ने नदी से लगभग 7,00,000 घन मीटर रेत हटाई।

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ संगम में टक्कर के बाद दो नावें पलटीं, 5 लोगों को NDRF ने सुरक्षित निकाला

---विज्ञापन---

संगम नोज का दायरा भी बढ़ाया

16 हजार मजदूरों की मदद से 26 हेक्टेयर क्षेत्र को श्रद्धालुओं को स्नान के लिए तैयार किया गया। इसमें से 2 हेक्टेयर क्षेत्र को संगम नोज के नाम से जाना जाता है। जहां पर गंगा और यमुना नदियों का मिलन होता है। इस जगह पर अब 2019 की तुलना में 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था की गई।

आईआईटी गुवाहाटी की एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने शास्त्री ब्रिज के पास नदी का प्रवाह ठीक करने के लिए काम किया। शुरुआत में कुंभ मेला प्रशासन अपने संसाधनों का उपयोग करके काम पूरा करने का प्रयास किया, लेकिन बड़े-बड़े द्वीपों के कारण यह काम बाद में सिंचाई विभाग को सौंप दिया गया।

ये भी पढ़ेंः DDU जंक्शन पर अफरा-तफरी, ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं, यात्री परेशान रेलवे हुआ बेबस

HISTORY

Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Feb 17, 2025 08:49 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें