Bihar Assembly Election : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद अब एनडीए गठबंधन में सरकार के गठन को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है. इस बात की बहुत अधिक संभावना जताई जा रही है कि 19 या 20 नवंबर को बिहार की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा. इस बीच विधानसभा में विपक्ष का चेहरा बने तेजस्वी यादव को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) विधायक दल का नेता चुना गया है. बैठक में सभी नव-निर्वाचित विधायकों ने तेजस्वी यादव को अपना नेता चुना है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस बैठक में लालू यादव और राबड़ी देवी भी मौजूद थीं, दोनों मीटिंग खत्म होने से पहले ही उठकर बाहर चले गए.
लालू ने तेजस्वी को घोषित किया विधायक दल का नेता
हालांकि लालू यादव और राबड़ी देवी के मीटिंग बीच में छोड़कर जाने की वजह सामने नहीं आई है, लेकिन इस बात को रोहिणी आचार्य मामले से जोड़कर देखा जा रहा है. उधर, बिहार चुनाव में मिली करारी हार के बाद सोमवार को हुई आरजेडी की बैठक में सभी सदस्यों ने एक स्वर में तेजस्वी यादव को अपना नेता चुना. हालांकि पहले तेजस्वी इसके लिए तैयार नहीं थे, लेकिन सर्वसम्मति से उन्हें विधायक दल का नेता बना दिया गया. लालू यादव ने भी कहा के तेजस्वी यादव ही पार्टी के अगले नेता है. दिलचस्प बात ये है कि आरजेडी की बैठक में तेजस्वी के करीबी संजय यादव भी मौजूद रहे, जिन पर रोहिणी आचार्य ने परिवार तोड़ने का आरोप लगाया था.
परिवार में कलह ने बढ़ाई मुश्किलें
आरजेडी विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद जब सांसद अभय कुशवाहा बाहर निकले तो उन्होंने बताया कि लालू यादव ने स्पष्ट संदेश दिया है कि तेजस्वी यादव ने पार्टी के लिए बहुत मेहनत की है और वही पार्टी के अगले नेता हैं. गौरतलब है कि चुनाव नतीजे सामने आने के बाद से ही लालू परिवार में चल रही कलह अब खुलकर सामने आ गई है. लालू यादव की बड़ी बेटी रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी और उनके करीबी संजय यादव-रमीज नेमत पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए परिवार और पार्टी से नाता तोड़ लिया. एक तरफ जहां पार्टी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, वहीं अब परिवार में विवाद के चलते लालू और राबड़ी की मुश्किलें बढ़ गई हैं.










