नई दिल्ली: हरियाणा के गुरूद्वारों का प्रबंधन हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी ही करेगी, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट एक्ट को वैध ठहराया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के सदस्य हरभजन सिंह नाम के एक व्यक्ति ने हरियाणा सरकार के क़ानून को चुनौती दी थी। बाद में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने भी इस क़ानून को चुनौती दी थी।
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सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने हरभजन सिंह और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी की याचिका खारिज कर दी है।
हरभजन सिंह और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने हरियाणा सरकार की तरफ से बनाए कानून को चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार को गुरद्वारों के प्रबंधन के लिए क़ानून बनाने का अधिकार नहीं है। केवल संसद ही इस सम्बंध में क़ानून बना सकती है।
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याचिका में कहा गया था कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट एक्ट सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925, स्टेट रिऑर्गनाइजेशन एक्ट 1956 के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के कानून को वैध ठहराते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी की याचिका को खारिज कर दिया है।
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