Sawai Man Singh Hospital fire inside story: राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में आग की घटना के बाद अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी और ट्रोमा सेंटर प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ को पद से हटा दिया गया है. वहीं, अधिशाषी अभियंता मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही फायर सेफ्टी की ज़िम्मेदारी संभाल रही एजेंसी ‘एसके इलेक्ट्रिक कंपनी’ की निविदा रद्द कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश भी जारी हुए हैं. बता दें, यह आग की घटना रविवार देर रात हुई थी, जिसमें अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा रात को 3 बजे ही मौके पर पहुंचे और अधिकारियों को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. सरकार ने तुरंत जिम्मेदारों पर गाज गिराई और नए अधिकारियों को कार्यभार सौंपा गया.
STORY | Six killed as fire ravages ICU of Jaipur's SMS hospital, relatives allege negligence
A massive fire blazed through the neuro ICU of Jaipur’s state-run Sawai Man Singh (SMS) Hospital in the dead of the night, killing six patients on critical care support, officials said… pic.twitter.com/1CmPJ82rlA---विज्ञापन---— Press Trust of India (@PTI_News) October 6, 2025
स्वास्थ्य मंत्री बोले– “एक हफ्ते में पूरी होगी जांच”
सोमवार को चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने भी घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की. बताया कि 6 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो घटना के सभी पहलुओं की जांच कर एक हफ्ते में रिपोर्ट पेश करेगी. . जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि हादसा लापरवाही से हुआ या किसी और वजह से. फिलहाल शुरुआती जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन अंतिम कारण जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सीआईएसएफ की सुरक्षा रिपोर्ट के आधार पर अस्पतालों की फायर सेफ्टी व्यवस्था मज़बूत की जाएगी.
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देर से पहुंचने पर स्वास्थ्य मंत्री ने दी सफाई
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि खींवसर ने कहा कि वह मौके पर देर से इसलिए पहुंचे क्योंकि उस समय अपनी विधानसभा क्षेत्र में थे, जो जयपुर से करीब 6 घंटे की दूरी पर है. मुख्यमंत्री जी रात को ही मौके पर पहुंच गए थे, इससे सरकार की संवेदनशीलता झलकती है. मैं भी मौके पर जाकर आया हूं. 284 वार्ड का यह ट्रॉमा सेंटर है, जिसमें दो न्यूरो वार्ड हैं. एक वार्ड के सभी 11 मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि दूसरी वार्ड में धुआं बहुत ज्यादा था. यहां मौजूद 11 मरीजों में से 5 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, लेकिन कई मरीज वेंटिलेटर पर थे जिन्हें उपकरणों के साथ निकालना संभव नहीं हो पाया.
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