Sachin Pilot First Reaction After Congress Defeat in Rajasthan Elections: राजस्थान में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। रिवाज बदलने का सपना देख रही कांग्रेस महज 69 सीटों पर सिमट गई। इस हार के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी गहलोत को हार का जिम्मेदार बता रहे हैं तो कुछ कांग्रेस के ओवर कॉन्फिडेंस को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इस बीच पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के धाकड़ नेता सचिन पायलट का बयान सामने आया है। पायलट ने कांग्रेस की हार के बाद पहला बयान दिया।
इस हार पर मंथन होना जरूरी
सचिन पायलट टोंक जिला कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा- टोंक विधानसभा से दूसरी बार की जीत जनता और कार्यकर्ताओं को समर्पित करता हूं। हम हार पर जयपुर और दिल्ली में मंथन करेंगे। मेरा मानना है कि इस हार पर मंथन होना जरूरी है।
लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन है और इस बार जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का फैसला सुनाया है, जिसे हम मजबूती से निभाएंगे और जनता के मुद्दों पर मजबूती से डटे रहेंगे।
कांग्रेस पार्टी के सभी जीते हुए प्रत्याशियों को मेरी बधाई।
---विज्ञापन---राजस्थान में बनने वाली नई सरकार को बधाई देता हूँ और…
— Sachin Pilot (@SachinPilot) December 3, 2023
लोकेश शर्मा के बयान पर मंथन करना चाहिए
इसके बाद पायलट ने लोकसभा चुनावों को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा- मैं हमेशा ही कांग्रेस कार्यकर्ता रहा हूं। मुझे लोकसभा चुनाव लड़ने की या जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसका हर संभव निर्वहन करूंगा। सीएम के ओएसडी के एक्स पर पोस्ट के बारे में उन्होंने कहा- मैंने भी उनका बयान देखा है। उस पर भी पार्टी को मंथन करना जरूरी है।
लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है।
मैं नतीजों से आहत जरूर हूँ, लेकिन अचंभित नहीं हूँ..
कांग्रेस पार्टी #Rajasthan में निःसंदेह रिवाज़ बदल सकती थी लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे। यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी…— Lokesh Sharma (@_lokeshsharma) December 3, 2023
बता दें कि सीएम ओएसडी लोकेश शर्मा ने चुनाव परिणाम जारी होते ही बगावत के सुर छेड़ दिए थे। उन्होंने एक्स पर लिखा- मैं नतीजों से आहत जरूर हूं, लेकिन अचंभित नहीं हूं..कांग्रेस पार्टी #Rajasthan में निःसंदेह रिवाज बदल सकती थी, लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे। यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी की शिकस्त है।
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