Free Electricity In Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार रात को घोषणा करते हुए प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को 200 युनिट तक फ्री बिजली देने की घोषणा की है। सीएम की इस सौगात पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री के संबोधन से सीएम इस कदर प्रभावित हो गए हैं कि उन्हें देर रात राहत की घोषणा करने को मजबूर होना पड़ा। उनकी ऐसी घोषणा जनता झांसे में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि पहले सरकार को घाटे में चल रही डिस्काॅम कंपनियों को राहत देनी चाहिए।
फ्यूल सरचार्ज माफ करने की नौटंकी कर रही सरकार
राठौड़ ने सीएम गहलोत की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 4 साल तक सरकार 55 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसूल रही थी। अब सरकार 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज माफ करने की नौटंकी कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उद्यमी हड़ताल पर है तो औद्योगिक इकाईयों का फ्यूल सरचार्ज क्यों नहीं माफ किया जा रहा है।
उन्होंने निशाना साधते हुए कहा हमारी सरकार के वक्त 18 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज वसुला जाता था। जिसे गहलोत सरकार ने बढ़ाकर 55 पैसे प्रति यूनिट कर दिया।
घोषणावीर मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 जी, गजब की टाइमिंग है। माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के ऊर्जावान संबोधन से आप इस कदर प्रभावित हो गये कि देर रात्रि में आपको राहत की घोषणा करने को मजबूर होना पड़ रहा है। साढ़े 4 सालों से जनता को लूटने के बाद अब चुनावी साल आते ही… https://t.co/R0jO38hpOn
— Rajendra Rathore (Modi Ka Parivar) (@Rajendra4BJP) May 31, 2023
डिस्काॅम कंपनियों को घाटे से बाहर निकाले सरकार
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि कटौती का फायदा जनता को तब मिलेगा जब बिजली आएगी। उन्होंने कहा कि महंगी बिजली की खरीद, कोयले की खरीद भ्रष्टाचार को लेकर राहत की घोषणा करते तो बेहतर होता। इसके साथ ही किसानों को कृषि विद्युत वितरण कंपनी बनाने की घोषणाएं कब पूरी होगी? राठौड़ ने कहा कि पहले सरकार को उपभोक्ताओं को दी गई सब्सिडी के विरूद्ध 15 हजार 180 करोड़ की बकाया राशि विद्युत कंपनियों को चुकाएं।
राज्य के तीनों डिस्काॅम करीब-करीब 1 लाख करोड़ के घाटे में चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त बिजली कंपनियों को सब्सिडी का खर्च निकालने के लिए प्रतिवर्ष 60 हजार करोड़ का लोन लेना पड़ता है। सरकार पहले डिस्काॅम को घाटे से बाहर निकाले फिर जाकर घोषणाएं करे तो बेहतर होगा।