के जे श्रीवत्सन
राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र का चौथा चरण आज से शुरू होगा। प्रश्नकाल के साथ विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी। उपमुख्यमंत्री डॉ. पीसी बैरवा से जुड़े विभाग, उद्योग विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, जल संसाधन विभाग, जनजाति क्षेत्रीय विभाग, राजस्व विभाग, नगरीय विकास विभाग और ऊर्जा विभाग से जुड़े सवाल-जवाब विधानसभा में रखे जाएंगे।
सदन में होंगे ये प्रस्ताव पारित
विधायक बालमुकुंदाचार्य जयपुर शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के संबंध में ध्यानाकर्षित करेंगे। जिसके तहत कहा जा रहा है कि प्रोजेक्ट के अंतर्गत पिछली सरकार के कार्यकाल में जयपुर के पुराने शहर परकोटे इलाके में कराए गए कार्यों के संबंध में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जाएगी। नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा का ध्यानाकर्षित करेंगे, संभावना है कि मंत्री भी इस संबंध में अपना जवाब विधानसभा में देंगे।
सदन में एक और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पाली से कांग्रेस के विधायक भीमराज भाटी भी लेकर आएंगे। नागौर शहर की ज्योति नगर कॉलोनी की विद्युत आपूर्ति के संबंध में चर्चा होगी। विद्युत आपूर्ति संबंधी समस्या के समाधान के संदर्भ में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का ध्यानाकर्षित करेंगे।
सदन में रखे जाएंगे वार्षिक प्रतिवेदन
मंत्री केके विश्नोई भिवाड़ी इंटीग्रेटेड विकास प्राधिकरण भिवाड़ी का लेखा प्रतिवेदन रखेंगे। इसके अलावा मंत्री जवाहर सिंह बेढम सरदार पटेल पुलिस सुरक्षा एवं दांडिक न्याय विश्वविद्यालय जोधपुर का वार्षिक प्रतिवेदन रखेंगे।
सदन में लगेंगी याचिकाएं
हड़ौता चारा मंडी के टेंडर में अनियमितताओं के जांच करने के संबंध में विधायक डॉ. शिखा मील बराला याचिका लगाएंगी। वहीं, विधायक अर्जुन लाल नगर कपासन के ग्राम भादसौड़ा में तोड़ी गई पानी की टंकी का पुनर्निर्माण करने के संबंध में एक याचिका लगाएंगे। इसके अलावा विधायक संजीव कुमार भादरा में PWD का अधिशासी अभियंता खोले जाने के संबंध में याचिका लगाएंगे। विधायक डॉ. रितु बनावत बयाना के उपखंड मुख्यालय रूपवास में एडीजे तथा एसीजेएम कोर्ट की स्थापना करने के संबंध में एक याचिका लगाएंगी।
सदन में ये होंगे विधायी कार्य
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 सदन के पटल पर विधेयक रखेंगे। मंत्री कन्हैया लाल विधेयक का विचारार्थ लेने का प्रस्ताव करेंगे। इसके अलावा प्रवर समिति का आज प्रतिवेदित विधेयक पारित हो सकता है। राजस्थान ग्राउंड वाटर कंजर्वेशन और मैनेजमेंट अथॉरिटी बिल 24 चर्चा के बाद पारित होगा।
इस बिल के जरिए राजस्थान सरकार के प्रावधान ला रही है कि भूजल निकासी से पहले मंजूरी नहीं ली जाएगी। अगर नहीं लेते हैं तो 6 महीने की कैद और 100000 का जुर्माना होगा। सरकार इसे पारित करने के साथ ही राजस्थान में भूजल संरक्षण और प्रबंधन के लिए राजस्थान भूजल प्राधिकरण की स्थापना का रास्ता भी साफ कर देगी। इस बिल पर आज बहस होनी है क्योंकि प्रवर समिति की रिपोर्ट के बाद बिल में संशोधन भी किए गए हैं। इन संशोधनों में पेयजल, घरेलू, सिंचाई, औद्योगिक या वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए भूजल उपयोग पर बिना अनुमति के प्रबंध का प्रावधान भी है।
मौजूदा और भविष्य में खोदे जाने वाले ट्यूबवेल के लिए प्राधिकरण की अनुमति जरूरी होगी। हालांकि कृषि को इसमें छूट देने का प्रावधान किया गया है। प्रस्तावित बिल में कहा गया है कि कोई भी संस्थाएं, व्यक्ति जो भूजल का उपयोग करता है, उसे अपने मौजूदा ट्यूबवेल संरचनाओं के लिए प्राधिकरण में आवेदन करना होगा। इसके लिए प्राधिकरण की ओर से तय किए गए एक निश्चित शुल्क भी देना होगा। प्राधिकरण ही तय करेगा कि ट्यूबवेल खोदने की अनुमति दी जाए या नहीं। इसके साथ ही इस बात की भी सरकार जानकारी जुटा पाएगी कि कहां-कहां या किस ब्लॉक में अभी ट्यूबवेल चल रहे हैं।
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