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राजस्थान SI भर्ती घोटाला: सरकार ने कोर्ट में साफ कहा- रद्द नहीं होगी भर्ती, 7 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

राजस्थान की 2021 SI भर्ती में हुए कथित घोटाले पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने भर्ती को रद्द करने से इनकार कर दिया। जबकि SIT, पुलिस मुख्यालय और मंत्रीगण पहले इसे रद्द करने की सिफारिश कर चुके थे। अब तक 100 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें 50 चयनित अभ्यर्थी शामिल हैं। सरकार का कहना है कि गलत चयनित अभ्यर्थियों को चिन्हित कर हटाया जाएगा।

Author Written By: kj.srivatsan Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Jul 1, 2025 17:17
Rajasthan News
प्रतीकात्मक फोटो (फोटो सोर्स- ANI )

राजस्थान में वर्ष 2021 की सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती में कथित फर्जीवाड़े को लेकर एक अहम मोड़ आया है। राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने इस भर्ती को रद्द करने से साफ इनकार कर दिया। सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एसआईटी (विशेष जांच टीम) की जांच में अब इतना आधार बन चुका है कि वह सही और गलत चयनित अभ्यर्थियों में फर्क कर सकती है, ऐसे में पूरी भर्ती को रद्द करना उचित नहीं होगा।

चौंकाने वाली बात यह है कि राजस्थान सरकार की कैबिनेट सब कमेटी के साथ-साथ पुलिस मुख्यालय ने भी इस भर्ती परीक्षा में हुई धांधली को आधार बताते हुए इसे रद्द करने की सरकार से सिफारिश की थी। यहां तक की कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी कई बार इस भर्ती परीक्षा के रद्द करने की खुलकर मांग करते हुए मामले में हो रही देरी के लिए सरकार से अपनी नाराजगी जता चुके हैं। लेकिन सरकार ने इस सिफारिश के बाद भी कानूनी पहलुओं पर विचार किया और आज हाई कोर्ट के समक्ष अपना अंतिम फैसला भी रख दिया।

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राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के सामने तर्क दिया कि अब तक करीब 100 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें लगभग 50 ट्रेनी थानेदार भी शामिल हैं। ज्यादातर आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जो गलत तरीके से चयनित अभ्यर्थी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और उन्हें आगामी किसी भी भर्ती में मौका नहीं मिलेगा। इन गलत भर्तियों के पदों को खाली मानकर आगामी भर्तियों में जोड़ा जाएगा। भर्ती रद्द होने से कई ऐसे अभ्यर्थियों को नुकसान होगा जिन्होंने अन्य नौकरियां छोड़कर यह पद चुना है।

याचिकाकर्ताओं ने जताई नाराजगी

हालांकि, भर्ती को रद्द करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने सरकार के इस रुख का कड़ा विरोध किया। याचिकाकर्ताओं के वरिष्ठ अधिवक्ता हरेंद्र नील ने दलील दी कि पिछले साल एसआईटी की रिपोर्ट में खुद भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की गई थी। पुलिस मुख्यालय, कैबिनेट की सब-कमेटी और एडवोकेट जनरल सभी ने पहले भर्ती को रद्द करने का समर्थन किया था। इतनी बड़ी गड़बड़ी के बाद भी सरकार का रुख बदल जाना अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे अगली सुनवाई में यानी 7 जुलाई को अपना पक्ष मजबूती से रखें। मामला जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच में चल रहा है।

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यह है पूरा मामला

दरअसल राजस्थान लोक सेवा आयोग में साल 2021 में सब इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के 859 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। इस भर्ती में लिखित परीक्षा शारीरिक दक्षता परीक्षण और साक्षात्कार तीनों शामिल थे लेकिन परीक्षा के बाद से ही पेपर लीक और धांधली के तमाम मामले सामने आ गए। राजस्थान पुलिस स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी ने खुलासा किया कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर दलालों के हाथों में पहुंच चुका था। यही नहीं, जांच में 50 से अधिक डमी परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया जिसमें भर्ती परीक्षा के टॉपर नरेश खिलेरी भी शामिल है। यहां तक कि इस भर्ती परीक्षा में जालौर की रहने वाली समिता बिश्नोई ने लिखित परीक्षा के दौरान अपनी जगह एक डमी अभ्यर्थी को बैठकर परीक्षा दिलवाई थी और वह परीक्षा में पास होकर चयनित हो गई लेकिन उसके कारनामे सामने आते ही उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया।

पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसओजी ने अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें से 53 चयनित सब इंस्पेक्टर हैं। हैरानी की बात यह है कि करीब 30 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार होने के बाद जेल से छूट चुके हैं।

आंदोलनकारी बोले – “न्याय की उम्मीद अब सिर्फ कोर्ट से”

भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे विकास विधूड़ी ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि सरकार उन गड़बड़ियों पर पर्दा डाल रही है, जिन्हें खुद उसकी एजेंसियों और अधिकारियों ने उजागर किया था। हमें अब सिर्फ कोर्ट से ही इंसाफ की उम्मीद है।

अब निगाहें 7 जुलाई के हाईकोर्ट के अंतिम फैसले पर

राजस्थान SI भर्ती घोटाले में अब मामला निर्णायक मोड़ पर है। जहां एक ओर सरकार भर्ती को बचाने की कोशिश में है, वहीं दूसरी ओर असफल अभ्यर्थी इसे युवाओं के साथ अन्याय बता रहे हैं। अब सभी की नजरें 7 जुलाई की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां तय होगा कि भर्ती बचेगी या रद्द होगी।

 

First published on: Jul 01, 2025 05:17 PM

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