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राजस्थान

Rajasthan: बारिश में तिरपाल लगा किया अंतिम संस्कार, जिंदगी की जंग हारने के बाद सिस्टम से हारी महिला

Rajasthan News: राजस्थान में एक बेहद मार्मिक खबर आई है। जिंदा रहते तो महिला ने कई असुविधाएं देखीं ही होंगी लेकिन मरने के बाद भी महिला का अंतिम संस्कार सुकून से नहीं सका। शैय्या पर रखा महिला का शव आसमानी बारिश और जिला प्रशासन की बेशर्मी से लाज खाता रहा। पढ़िए पाली से मुकेश राजा की रिपोर्ट।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jul 20, 2025 18:59

Rajasthan News: वैसे राजस्थान सुदूर इलाके आज भी कई सुविधाओं से वंचित हैं लेकिन रविवार को राजस्थान के पाली से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। पाली जिले के रोहट क्षेत्र के राणा गांव में 90 साल की फाऊ देवी प्रजापत का निधन हो गया। अंतिम संस्कार के लिए जब ग्रामीण शव लेकर श्मशान पहुंचे तो बारिश होने लगी। खुले में अंतिम संस्कार होने की वजह से महिला का शव और लकड़ियां गीली होने लगी। आनन-फानन में लोगों ने त्रिपाल की व्यवस्था की और करीब 10 लोग महिला और लकड़ियों को बचाने के लिए त्रिपाल लेकर चारो तरफ खड़े हो गए।

सुदूर इलाके में नहीं है यह गांव

राणा गांव पाली जिला मुख्यालय से महज 32 किलोमीटर दूर है, लेकिन हालात ऐसे हैं जैसे किसी उपेक्षित क्षेत्र की कहानी हो। गांव में करीब 1200 घर हैं, लेकिन एकमात्र श्मशान घाट तक में मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। यहां न तो स्थायी टीन शेड है और न ही बारिश से बचाव की कोई व्यवस्था। जीने के साथ से लेकर मरने के बाद तक लोग सुविधाओं के कोषों दूर हैं।

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जिम्मेदार ने दी सफाई

इस मामले पर एसडीएम पूरण कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी मिली। बीडीओ से बातचीत के बाद टीन शेड को मरम्मत कराया गया था। लेकिन तेज हवाओं में उड़ गया। इस बार मजबूती से काम करवाया जाएगा ताकि दोबारा ऐसा न हो।

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केवल सोशल मीडिया पर हैं अधिकारी

एसडीएम ने कहा कि सोशल मीडिया से जानकारी मिली थी। अब सवाल उठता है कि महज तहसील क्षेत्र के कुछ गांवों तक भी साहाब की पहुंच नहीं है। सोशल मीडिया पर स्क्रोल करते समय अगर अपने क्षेत्र की समस्याएं दिख जाएं तो ठीक वरना पूरी दुनिया घूम ही रहे हैं। मानसून का मौसम पहले से तय था लेकिन शायद अधिकारी इससे अंजान थे।

8 घंटे में हो पाया अंतिम संस्कार

बारिश की वजह से लोगों को अंतिम संस्कार में काफी मेहनत करनी पड़ी। करीब 8 घंटे में महिला के शव का अंतिम संस्कार हो पाया। महिला के परिजन श्रवण कुमार प्रजापत ने बताया कि श्मशान में किसी भी तरह की सरकारी मदद भी नहीं है। उन्हें मजबूरी में 4 हजार रुपए की शक्कर, 37 हजार रुपए में 50 किलो घी, 35 हजार रुपए में नारियल और अन्य खर्च मिलाकर हजारों रुपए खर्च करने पड़े, तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार कर पाया।

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First published on: Jul 20, 2025 06:59 PM

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