Rajasthan Government Changed Government Recruitment Rules: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश के युवाओं को नौकरियां देने के लिए 3 बड़े फैसल लिए हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग हुई, जिसमें विचार विमर्श के बाद 63 प्रस्ताव मंजूर किए गए। इनमें से 3 प्रस्ताव कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को सरकारी नौकरी देने का, फिजियो सेक्टर में भर्ती के लिए बैचलर डिग्री को मान्य करने और कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़वाने वालों को नौकरी देने का प्रस्ताव शामिल है। इन तीनों फैसलों के बारे में विस्तार से जानिए…
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कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को नौकरी मिलेगी
राजस्थान कैबिनेट में फैसला लिया गया कि कोरोना के कारण जो बच्चे अनाथ हुए, उन्हें 18 साल का होने पर सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके लिए सेवा नियमों में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे मंजूरी दी गई है। इस स्कीम का फायदा वे बच्चे उठा सकते हैं, जिनके माता-पिता की कोरोना के कारण मार्च 2020 से 31 मार्च 2023 से पहले हुई हो या मौत होने के समय जिनकी उम्र 18 साल या इससे अधिका हो। वे बच्चे जिनके माता या पिता में से किसी एक की मौत पहले हो चुकी है और दूसरे की मौत कोरोना काल में हुई, वे भी 18 साल के होने पर इस योजना का फायदा उठा सकते हैं।
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कन्हैयालाल के हत्यारोपियों को पकड़वाने वालों को नौकरी
कैबिनेट मीटिंग में राजस्थान सरकार ने उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़वाने वालों को भी नौकरी देने का ऐलान किया है। प्रह्लाद सिंह चुण्डावत एवं शक्ति सिंह चुण्डावत ने बहादुरी का परिचय देते हुए आरोपियों के बारे में पुलिस को सुराग दिया और उन्हें पकड़वाया। इन दोनों युवकों को नियमों में बदलाव करके कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्त देने की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की है। इसके लिए राजस्थान चतुर्थ श्रेणी सेवा (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम-1999 में बदलाव करके नौकरी देने का प्रावधान किया जाएगा। इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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फिजियोथेरेपिस्ट बनने के इच्छुक युवाओं का बड़ा फायदा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट मीटिंग में एक और बड़ा फैसला लिया। इससे फिजियोथेरेपिस्ट बनने के इच्छुक युवाओं को फायदा होगा। सरकार ने फिजियोथेरेपिस्ट की भर्ती के लिए बैचलर डिग्री को मान्यता प्रदान कर दी है। राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम-1965 के नियमों में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया था, जिसमें मुख्यमंत्री ने मंजूरी दे दी। अब जल्दी ही डिप्लोमा के साथ सीनियर सेकेंडरी में बायोलॉजी करने वाले युवाओं को भर्ती में शामिल होने का मौका मिलेगा। राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थान से बैचलर इन फिजियोथेरेपिस्ट (BPT) की डिग्री लेने वाले भी भर्ती में सीधे शामिल हो सकेंगे।