Ashok Gehlot Reaction on Delhi Eection Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हार की हैट्रिक लगाई है। इस हार के बाद कांग्रेस नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की राजनीतिक ताकत को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली में कांग्रेस की लगातार तीसरी बार बुरी तरह हार होने पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, हमें पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से कांग्रेस को लेकर बोले जा रहे शब्दों की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हौसला बुलंद है। चुनाव में हार-जीत तो एक पक्ष की होती ही रहती है। हरियाणा, महाराष्ट्र हो या दिल्ली का चुनाव क्यों ना हो विशेष परिस्थितियों में यह सब बातें हुई है।
जनता के लिए हमारा कमिटमेंट पक्का: गहलोत
गहलोत ने कहा, जनता के प्रति हमरा कमिटमेंट पक्का है। अगले 4 से 6 महीने में कांग्रेस उत्साह के साथ नए सिरे से आगे बढ़ेगी। हमारी शोहरत है क्रेडिबिलिटी बनी हुई है। कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी जिसने कभी भी आरएसएस और भाजपा से समझौता नहीं किया है।
कांग्रेस ने बदली दिल्ली की सूरत: गहलोत
उन्होंने कहा, राजीव गांधी के जमाने में सभी पार्टियों ने भाजपा का साथ दे दिया था लेकिन, हम फिर भी डटे रहे। यह सही है कि हम पिछले तीन बार से दिल्ली में जीरो पर रहे लेकिन, दिल्ली में जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं तो उन्होंने शानदार काम किया था। दिल्ली का हुलिया ही बदल कर रख दिया था। गहलोत ने आगे कहा कि सोनिया गांधी और शीला दीक्षित ने मिलकर दिल्ली में जबरदस्त काम किया था। बच्चे-बच्चे की जुबां पर यह बात है। अब जो दिल्ली में हार हुई है उससे सभी लोग चिंतित हैं। आम आदमी पार्टी समेत सभी समझ रहे हैं कि कांग्रेस देश में मजबूत पार्टी बनी रहनी चाहिए।
मणिपुर को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना
अशोक गहलोत ने कहा, मणिपुर के मुख्यमंत्री का अब इस्तीफा लिया गया है, पहले ले लेते तो क्या बिगड़ जाता? यह उनकी फितरत में है। इसे तो उन्होंने प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था। पीएम नरेंद्र मोदी देश-विदेश में घूमते रहते हैं। क्या मणिपुर देश का हिस्सा नहीं था? अगर एक बार वहां चले जाते या उस विषय को लेकर अपनी बात कहते। इसी तरह बांग्लादेश के हिंदू को लेकर भी कोई बात नहीं कर रहे हैं। मणिपुर के लोग हिंदू ही तो थे, यदि कुछ कहते तो उनकी बात में वजन होता। पीएम मोदी हिंदू हृदय सम्राट बने हुए थे। ऐसे में हिंदू हृदय सम्राट की ड्यूटी होती कि वह हिंदुओं के दोनों समुदायों से मणिपुर में जाकर बात करते तो इतना खून-खराबा नहीं होता, दुश्मनी किस बात की थी।
‘हमारी योजनाओं को बंद करने का रिकॉर्ड बनाया जा रहा’
गहलोत ने कहा, राजस्थान में गैस सब्सिडी का ये लोग पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं। कुछ काम राजस्थान में ऐसे हुए थे जो देश में कहीं और नहीं हुए। हमने गिग वर्करों के लिए एक्ट बनाया था तो पीएम नरेंद्र मोदी भी अब ऐसा ही कर रहे हैं। हमने नरेगा के पैटर्न पर शहरी रोजगार योजना गारंटी दी थी जो मुश्किल से एक या दो राज्यों में ही है। हमने 3000 से ज्यादा अंग्रेजी मीडियम सरकारी स्कूल खोले, जिसमे 60 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं।
‘मेट्रो विस्तार का काम रोक दिया’
हमने मेट्रो विस्तार का काम शुरू किया, आधा काम शुरू हो चुका था लेकिन, इस सरकार ने उसे रोक दिया। महिला सशक्तीकरण के लिए हम महिलाओं को स्मार्टफोन दे रहे थे। यह सही है कि ज्यादातर लोगों के पास स्मार्टफोन हैं लेकिन, कई परिवारों के पास आज भी नहीं है। लेकिन उस स्कीम को भी इन्होंने बंद कर दिया। बंद करने का यह रिकॉर्ड बना रहे हैं। हम सत्ता में आने पर कभी भी पुरानी सरकार की योजनाओं को बंद नहीं करते थे। पोस्ट कोविड की बीमारियों को लेकर हमें पहले से काफी आशंकाएं थीं। इसलिए हमने जयपुर के RUHS में रिसर्च के लिए 25 करोड़ रुपये दिए उसे भी इन्होंने अब तक शुरू नहीं किया। राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में हमने 26 मंजिला ओपीडी टावर शुरू किया था। यहां बड़े से बड़े ऑपरेशन सफलतापूर्वक हो रहे हैं लेकिन, पता नहीं ये लोग किस तरह से काम करना चाहते हैं। बड़ौदा के राजा ने अंबेडकर जी को विदेश पढ़ने के लिए अपने खर्चे पर भेजा था। हमने भी इसी मंशा से 500 बच्चों को विदेश पढ़ने के लिए सरकारी खर्चे पर भेजने की योजना शुरू की थी।
लाडली बहन योजना और गैस सब्सिडी पर कही यह बात
महाराष्ट्र में लाडली बहन योजना में 5 लाख महिलाओं के नाम काटे जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि यह उन्हें पहले से पता था कि ये महिलाएं बीपीएल में नहीं आती लेकिन, उस वक्त तो इन्हें वोट बैंक की चिंता थी। अब जबकि वित्तीय स्थिति सामने नजर आ रही है तो इन लाभार्थी महिलाओं के नाम काटने शुरू कर दिए हैं। गैस सब्सिडी की राशि लाभार्थियों के खाते में नहीं आने के सवाल पर कहा कि इन्होंने 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने का चुनावी वादा किया था। अब तो भारत सरकार ने और भी दाम कम करने की बात कही है। ऐसे में ये लोग भी और दाम काम कर सकते हैं। लोग जब गैस सिलेंडर के लिए 1150 रुपये दे रहे थे तब हमने 500 रुपये में गैस सिलेंडर देना शुरू किया था। अब तो इन लोगों को और भी काम करना चाहिए।
गहलोत ने कहा, हमने कई जिले बनाए थे ताकि लोगों को लंबी दूरी तक जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़े लेकिन, इन्होंने हमारे बने जिलों को रद्द कर दिया। हकीकत यह है कि राजस्थान में इस वक्त और भी कई जिले बनाए जाने की गुंजाइश है।
दिल्ली में ‘फ्री बी’ पर क्या कहा?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जनता द्वारा “फ्री बी ” को नकारने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि जनता के लिए बनाई गई योजनाओं को ‘रेवड़ियां’ कहना यह उनके मान-सम्मान पर चोट करना है। क्या जनता इस स्थिति में है कि उन्हें रेवड़िया बांटी जा सकती है? जनता महंगाई से परेशान है। मुश्किल वाला दौर है। ऐसे में ‘रेवड़ियां’ शब्द पूरी तरह गलत है। यह जनता का अपमान करना है, ऐसा नहीं होना चाहिए।