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‘जिनके पास 10 MLA नहीं, वो कैसे बन सकता है CM’, सीएम गहलोत ने पायलट पर साधा निशाना

जयपुर: एक तरफ तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी देश की जनता का भरोसा जीतने के लिए भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में कांग्रेस नेता आपस में बयानों के तीर चला रहे हैं। ताजा मामला राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत द्वारा सचिन पायलट को लेकर बयानबाजी का है। […]

Edited By : Nirmal Pareek | Updated: Nov 24, 2022 19:40
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CM Ashok Gehlot and Sachin Pilot
अशोक गहलोत और सचिन पायलट

जयपुर: एक तरफ तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी देश की जनता का भरोसा जीतने के लिए भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में कांग्रेस नेता आपस में बयानों के तीर चला रहे हैं। ताजा मामला राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत द्वारा सचिन पायलट को लेकर बयानबाजी का है। गुरूवार को सीएम गहलोत ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू के दौरान कहा कि जिसके पास 10 विधायक का भी समर्थन नहीं है, वह भला मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है।

बता दें 25 सितंबर के सियासी ड्रामे के बाद सीएम गहलोत का सचिन पायलट के ऊपर अभी तक का यह सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के दौरान भी राजस्थान में नेतृत्व को लेकर बड़ा बखेड़ा खड़ा हुआ था, क्योंकि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के सबसे बड़े प्रबल दावेदार माने जा रहे थे।

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सचिन पायलट सीएम के रूप में स्वीकार नहीं

सीएम गहलोत ने इस इंटरव्यू के दौरान कहा कि राजस्थान में आलाकमान किसी को भी सीएम बना सकते हैं लेकिन सचिन पायलट को कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। उनके पास दस विधायकों तक का समर्थन नहीं है, उन्हें कोई स्वीकार नहीं करेगा। आगे सीएम ने कहा कि मैं खुद 34 दिनों तक भुगता हूं, लेकिन अब 102 विधायकों में से किसी को भी मुख्यमंत्री बनाया जाए लेकिन जिस आदमी ने गद्दारी कर ली है उसे सीएम कैसे बनाया जा सकता है।

भाजपा पर लगाया फंडिंग का आरोप

वहीं सीएम गहलोत ने सचिन पायलट के 2020 के विद्रोह के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि इनको बीजेपी ने फंड किया था। उन्होंने पायलट पर ये भीआरोप लगाया कि बगावत के दौरान 10 करोड़ रुपये बांटे गए हैं, बीजेपी के दिल्ली दफ्तर से पैसे उठाए गए हैं। गहलोत ने कहा कि उस दौरान पैसों के लेनदेन के मेरे पास सबूत हैं। गहलोत ने कहा कि नाराजगी के बाद पायलट कांग्रेस दफ्तर नहीं गए बल्कि मानेसर गए और बीजेपी के धर्मेंद्र प्रधान वहां मुलाकात करते थे।

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बगावत को लेकर कही ये बात

सीएम गहलोत ने कहा कि बगावत वह नहीं थी जो 2 महीने पहले विधायकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर की थी, बल्कि बगावत सचिन पायलट ने अपने विधायकों को 2 साल पहले ले जाकर की थी। उन्होंने कहा कि 2 महीने पहले विधायक दल का बहिष्कार करने वाले विधायक तो कांग्रेस के लॉयलिस्ट हैं। जिन्होंने 34 दिन होटल में रहकर सरकार बचाने में सहयोग दिया था।

उन्होंने बताया कि 25 सितंबर को विधायकों की ओर से की गई बगावत मेरे कहने पर नहीं हुई। अगर एक भी एमएलए ऐसा कह दे तो मैं पद छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि विधायकों के सामने अफवाह फैला दी गई कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा और दिल्ली से आए पर्यवेक्षक एक लाइन का प्रस्ताव पारित कर देंगे।

सीएम के पद को लेकर बोले- अभी तो मैं ही हूँ

वहीं अपने सीएम पद पर रहने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि मुझे रखना है तो रख सकते हैं, मैं लगातार काम कर रहा हूं लेकिन 2023 से पहले अगर पायलट के रूप में चेहरा बदला गया तो कोई स्वीकार नहीं करेगा। आगे कहा कि अभी तो मैं ही राजस्थान का सीएम हूं और सूबे के हालात देखकर लगता है कि आलाकमान को आने वाले समय में न्याय करते हुए उचित फैसला लेना चाहिए।

सितंबर में हुई थी बगावत

गौरतलब है कि अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में माना जा रहा था। इससे पहले राजस्थान में विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई थी, लेकिन गहलोत खेमे के 80 से ज्यादा विधायकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया था। इसके बाद कलह तेज होती दिखी तो गहलोत ने अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया और हाईकमान से माफी मांग ली। हालांकि वह अब भी सीएम पद पर बने हुए हैं और सचिन पायलट खेमा अकसर मांग उठाता रहता है कि अब उन्हें बाहर करके पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया जाए।

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Written By

Nirmal Pareek

First published on: Nov 24, 2022 07:40 PM

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