केजे श्रीवत्सन
Rajasthan CM Bhajanlal Sharma Cabinet: राजस्थान के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के शपथ ग्रहण के बाद अब सभी की निगाहें मंत्रिमंडल के गठन पर टिकी हैं। मंत्रिमंडल के गठन को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा अपने दोनों डिप्टी सीएम के साथ पिछले 2 दिन से दिल्ली गए हुए थे, यहां उन्होंने पार्टी के तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम ने दिल्ली में हाईकमान का आभार जताने के साथ अपनी कैबिनेट के साथियों को लेकर कसरत पूरी कर ली। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मंत्रिमंडल का गठन क्षेत्रीय, जातीय और लोकसभा सीटों पर प्रभाव को ध्यान में रखकर किया जाना तय है, जिसके लिए रोड मैप तैयार कर लिया गया है।
पहले चरण में बन सकती 18 से 20 मंत्रियों की टीम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने 2 दिन के दिल्ली दौरे के दौरान प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष से मुलाकात की। इसके साथ राजस्थान में कैबिनेट मंत्रियों के नामों और चेहरे को लेकर भी सुगबुगाहट शुरू हो गई। राजस्थान में विधायकों की संख्या के लिहाज से मुख्यमंत्री सहित 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं और कहा जा रहा है कि पहले चरण में 18 से 20 मंत्रियों को भजनलाल सरकार की कैबिनेट में पहले चरण में जगह मिल सकती है। इसके लिए कुछ नामों पर सहमति बन चुकी है, जबकि बाकी नामों पर पार्टी के राजस्थान के शीर्ष नेताओं से चर्चा करके सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है। कहा जा रहा है कि बीजेपी हाईकमान भी यह मान रहा है कि हमउम्र विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने से सरकार चलाने में सहूलियत होगी।
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वरिष्ठ चेहरों के साथ चौंकाने वाले नाम
पहले टिकट वितरण और फिर मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जिस तरह से बीजेपी हाईकमान ने राजस्थान में भी प्रयोग किए, उसके आधार पर कहा जा रहा है कि पुराने और वरिष्ठ चेहरों की बजाय नए और युवा नामों को राजस्थान में मौका मिल सकता है, जिनमें डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा, मदन दिलावर, शैलेश सिंह, नौक्षम चौधरी और जयदीप बियानी जैसे चौंकाने वाले नाम हैं। रामविलास मीणा या फिर ललित मीणा, शत्रुघ्न गौतम, संजय शर्मा, ताराचंद सारस्वत, संदीप शर्मा, गौतम दक, जवाहर सिंह बेढम के अलावा हंसराज और उदयलाल भड़ाना को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के संकेत हैं। पार्टी के चुनाव प्रबंधन कमेटी के चेयरमैन नारायण पंचारिया की मानें तो कैबिनेट के गठन में भी चौंकाने वाले नामों के साथ तरह-तरह के राजनीतिक और जातिगत समीकरणों का हाईकमान ध्यान रखेगा।
होल्ड पर भी रखे जा सकते हैं बड़े नाम
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के कोर ग्रुप ने संभावित लोगों के कुछ नाम सुझाए हैं, जिसमें से आधे से ज्यादा पर सहमति भी बन गई है। कहा तो यह भी जा रहा है कि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में शामिल कई चेहरों को होल्ड पर भी रखा जा सकता है और ऐसे नामों पर वसुंधरा राजे से बातचीत के बाद आगे बढ़ा जाएगा, ताकि साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वसुंधरा राजे और उन जैसे कुछ बड़े नेताओं की नाराजगी को भी कुछ हद तक दूर किया जा सकेगा। ऐसे नेताओं में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी, पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, अजय सिंह किलक, अनीता बघेल, ओटाराम देवासी, जसवंत यादव, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, बाबू सिंह राठौड़, राज्यवर्धन सिंह, श्रीचंद कृपलानी, सिद्धि कुमारी जैसे नाम शामिल हैं।
राजस्थान विधानसभा सत्र की तारीख
कहा जा रहा है कि संभवत सभी बड़े नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने की बजाय राजनीतिक नियुक्तियों, आयोग और बोर्ड में महत्वपूर्ण स्थान देने का प्रयास किया जाएगा, शायद यही कारण है कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तीन दिनों के भीतर ही सीएम भजनलाल शर्मा ने राजनीतिक नियुक्तियों वाले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के सभी बोर्ड और आयोगों को भंग करने का फरमान भी जारी कर दिया, ताकि बड़े नेताओं और चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर लोकसभा चुनाव में कहीं कोई नाराजगी नजर नहीं आए। बहरहाल खबरें हैं कि 20 दिसंबर को राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाकर नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जा सकती है और इसी के आसपास मंत्रियों के नामों को तय करके शपथ ग्रहण भी करवाया जा सकता है।