Kirodi Lal Meena On RPSC : राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने फोन टैपिंग मामले में अपनी गलती स्वीकार करते हुए अनुशासनहीनता के नोटिस का जवाब दे दिया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में गलती को स्वीकारते हुए कहा कि आरपीएससी (Rajasthan Public Service Commission) के पुनर्गठन की आवश्यकता है। वहीं, सचिन पायलट ने भी आरपीएससी को भंग करने की मांग की है, क्योंकि इसकी चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है।
मीणा ने खुद को पार्टी का अनुशासित सिपाही बताया
कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पार्टी द्वारा उन्हें दिए गए अनुशासनहीनता के नोटिस का जवाब देते हुए खुद को पार्टी का अनुशासित सिपाही बताया। साथ ही अपनी ही सरकार पर लगाए गए फोन टेपिंग के आरोपों का भी उन्होंने जवाब दिए। उन्होंने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ‘मुझसे जो गलती हुई थी, उसका मैंने जवाब दे दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने RPSC पर भी खुलकर बात की। एसआई भर्ती 2021 पर चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने हाईकोर्ट से पड़ी डांट को भी जायज करार दिया। जिसे लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने हैरानी जताते हुए कहा है कि मंत्री के आरोपों का भाजपा संगठन से कोई लेना देना नहीं है बल्कि सरकार को श्वेत पत्र जारी करके इसका जवाब देना चाहिए।
सरकार संगठन से बड़ी नहीं: मीणा
अपनी ही सरकार पर खुद की जासूसी और फोन टेपिंग करवाने के बाद मुश्किलों में आए भजनलाल सरकार में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने जवाब में मीडिया को यह तो नहीं बताया की जवाब में क्या लिखा। उन्होंने कहा कि जबाब क्या दिया ये नहीं बताउंगा। लेकिन, यह स्वीकार किया कि मैंने गलती की। सरकार संगठन से बड़ी नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी से नाराज नहीं है और जो कुछ भी इस पूरे मामले पर उन्हें कहना था, जवाब में दे दिया है।
‘इस मामले में सीएम या मंत्री को बोलने का अधिकार नहीं’
मीणा ने कहा कि अब इस मामले में बोलने का अधिकार उनके या किसी मंत्री या सीएम का नहीं है, बल्कि इस पर बोलने का अधिकार केवल पार्टी के अध्यक्ष का है। उन्होंने पहले ही बोल दिया था कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। पार्टी ने अपने कारण बताओ नोटिस में कहा था कि मीणा के बयान से सरकार की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। पार्टी ने इसे अनुशासनहीनता माना था और 3 दिन के अंदर जवाब देने के लिए कहा था।
कांग्रेस उठा रही सवाल
भले ही किरोड़ी लाला मीणा ने समय से पहले नोटिस का जवाब दे दिया हो और उनका लहजा भी कुछ नरम नजर आने लगा है। लेकिन, इसी मुद्दे को लेकर विधानसभा को सरकार के जवाब आने तक नहीं चलने देने वाली कांग्रेस इस पूरे मामले पर ही सवाल उठा रही है। पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि यह साधारण मामला नहीं है। एक कैबिनेट मंत्री ने अपनी सरकार पर गंभीर और संगीन आरोप लगाए हैं और पार्टी उनसे जवाब तलब कर रही है। होना यह चाहिए था कि सरकार को खुद आगे आकर इन आरोपों का जवाब देना चाहिए था। उन्होंने इस पूरे मामले पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की।
इस मामले में निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए: पायलट
सचिन पायलट ने कहा, एक कैबिनेट मंत्री ने आरोप लगाया है कि उनका फोन टेप हो रहा है। किसी भी व्यक्ति के प्राइवेसी पर कोई भी सरकार हमला नहीं कर सकती। सरकार के मंत्री खुद कह रहे हैं, उनका दर्द समझा जा सकता है। वे क्या कारवाई करते हैं यह भाजपा का अपना मामला है। लेकिन, सदन के अंदर सरकार को जवाब देना चाहिए। जिससे पता चल सके की सरकार के मंत्री के साथ ये क्या हो रहा है? पायलट ने कहा कि जिस व्यक्ति को बतौर मंत्री के रूप में काम करने का अधिकार है लेकिन, वे नहीं कर पा रहे हैं और अपनी ही सरकार पर जासूसी का आरोप लगा रहे हैं। इस मामले में निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए। यदि किसी सूत्र ने किरोड़ी लाल मीणा को बताया है तो उन्हें उसके बारे में बताना चाहिए और सरकार को इस पूरे मामले पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।