के जे श्रीवत्सन
Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है। इस वक्त मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित राजस्थान में कुल 24 मंत्री है और विधायकों की संख्या के लिहाज से कुल 30 मंत्री बनाये जा सकते हैं। ऐसे में अभी 6 और मंत्री बनाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री के लगातार 4 दिल्ली दौरे और उसके बाद राज्यपाल कलराज मिश्र से हुई मुलाकात के बाद इसे लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। कहा जा रहा है कि बाबा बालकनाथ को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
सीएम ने राज्यपाल से की मुलाकात
भले ही सीएमओ की तरफ से सोमवार को हुई सीएम भजनलाल शर्मा की राज्यपाल से मुलाकात को शिष्टाचार के नाते हुई भेंट बताया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि जल्द ही लोकसभा चुनावों की अधिसूचना लागू होने से पहले मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए वक्त देने की सीएम ने राज्यपाल से अनुरोध किया है। जहां तक नए बनने वाले मंत्रियों के नामों और जातीय, राजनीतिक और क्षेत्रीय समीकरणों का सवाल है, कुछ बड़े नाम सामने भी आने लगे हैं। कहा जा रहा है कि अपने पहले मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान भजनलाल सरकार में तीन से चार नए मंत्री बनाकर एक राज्यमंत्री के कद को बढ़ाया भी जा सकता है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री @cpjoshiBJP के निर्देशानुसार भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री @mpbhagirathbjp द्वारा संगठन को सशक्त बनाने हेतु किसान मोर्चा जिलाध्यक्षों की निम्नवत घोषणा की जाती है। pic.twitter.com/tzfrLjldKg
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बाबा बालकनाथ को कैबिनेट में मिल सकती है जगह
राजस्थान में बड़ा वोट बेंक रखने वाले यादव समाज को जगह देने के लिए बाबा बालकनाथ या राजेन्द्र यादव में से किसी एक को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। अलवर के सांसद रह चुके बाबा बालकनाथ को इस बार पार्टी ने तिजारा विधानसभा से चुनाव लड़वाया था। हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेता होने के चलते उनका नाम सीएम की रेस में भी खूब उछला था, लेकिन जब सीएम, डेप्युटी सीएम और कैबिनेट में जगह नहीं मिली तो अब लोकसभा चुनावों में हिंदुत्व वोट बेंक को साधने के लिए उन्हें यादव समाज के प्रतिनिधि के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल करने की काफी संभावना है।
गुरुवीर सिंह बराड़ को मिल सकती है जगह
वहीं, अल्पसंख्यक समाज के प्रतिनिधि के रूप में गंगानगर के सादुलशहर के विधायक गुरुवीर सिंह बराड़ का नाम आ रहा है। वैसे भी सूबे के इस क्षेत्र को सरकार के गठन के साथ ही जगह देने की कोशिश की गई थी। सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी के विधायक नहीं होने के बावजूद भी उन्हें मंत्री बनाया गया था, लेकिन वे इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव हार गये थे और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। भाजपा के पक्ष में मजबूत से समर्थन जताने वाली सिन्धी समाज से निम्बाहेडा के विधायक श्रीचंद कृपलानी का नाम सामने आ रहा है। कृपलानी वसुंधरा राजे सरकार में साल 2013 से 2018 तक मंत्री रह चुके हैं।
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विश्वराज सिंह मेवाड़ भी बन सकते हैं मंत्री
मेवाड़ से नाथद्वारा के विधायक और उदयपुर के पूर्व राजघराने के प्रमुख विश्वराज सिंह मेवाड़ को भी केबिनेट में शामिल किए जाने की चर्चाएं जोरों पर है। मेवाड़ में आने वाला उदयपुर क्षेत्र वैसे भी बीजेपी का मजबूत गढ़ है। यहां से पहली बार विधायक बने विश्वराज को लेकर जनता से पार्टी को मिल रहा फीडबैक भी संतोषजनक बताया जाना उनके पक्ष को मजबूत बना रहा है. इनके जरिये बीजेपी अपने मजबूत राजपूत समाज के वोट बेंक को भी खुश कर सकती है, जो कि लोकसभा चुनावों को लेकर बेहद जरूरी कहा जा रहा है।
राजस्थान के विभिन्न जिलों में आयोजित 'नारी शक्ति वंदन मैराथन' में भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं बड़ी सख्यां में महिलाओं ने प्रतिभाग किया। pic.twitter.com/vcFgRFIikx
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जवाहर सिंह बेढम का बढ़ सकता है कद
गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम का कद बढ़ाकर उन्हें स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है। हालांकि, जब राजस्थान में विधानसभा चुनावों के बाद नई सरकार का गठन हुआ था तो मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों के नामों ने सबको चौंका दिया था। अब कहा जा रहा है कि बीजेपी हाईकमान चौंकाने की बजाय इस बार जातीय, क्षेत्रीय और राजनीतिक समीकरणों को साधने की कोशिश करेगी।
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