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राजस्थान के विधानसभा चुनावों में खर्च के आंकड़े चौंकाने वाले, तय राशि का आधा भी उपयोग नहीं कर पाए प्रत्याशी

Rajasthan Assembly Elections Candidate Election Expenciture Detail: राजस्थान विधानसभा चुनाव में हीरालाल नागर ने 37 लाख 36 हजार रुपये खर्च किए। सबसे कम खर्च 5 लाख 84 हजार रुपये मनोज न्यागली ने किए।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 6, 2024 22:26
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Assembly Elections
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Rajasthan Assembly Elections Candidate Election Expenciture Detail ( K J Srivatsan):  टिकट लेने से लेकर चुनाव प्रचार और जीतने तक भले ही राजस्थान के विधानसभा चुनावों में रुपयों का जबरदस्त बोलबाला नजर आया लेकिन चुनावी खर्च के आंकड़े चौंकाने वाले है। राजनितिक दलों के प्रत्याशियों को अपने चुनावी खर्च का नियमानुसार ब्यूरा देना पड़ता है, और इसमें प्रत्याशी उनके लिए तय राशि का आधा भी सही उपयोग नहीं आकर पाए।

सीएम भजनलाल ने खर्च किए 32 लाख 

सीएम भजनलाल ने जहां जयपुर की सांगानेर विधानसभा सीट जितने के लिए महज 32 लाख खर्च किया। वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने महज साढ़े 17 लाख और तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने उनके कुछ अधिक लेकिन महज 26 लाख रुपये खर्च करके चुनाव जीत गये। अब तक 50 फीसदी से ज्यादा विधायकों और प्रत्याशियों ने अपने चुनाव खर्च का नियमानुसार ब्यौरा चुनाव आयोग को जमा करा दिया है।

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सबसे ज्यादा खर्च किया हीरालाल नागर ने 

आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा चुनावों में खर्च का ब्यौरा हीरालाल नागर ने किया है। उनके इन चुनावों में 37 लाख 36 हजार रूपये खर्च हुए जबकि सबसे कम खर्च 5 लाख 84 हजार रूपये मनोज न्यागली ने किए। इसके अनुसार औसतन प्रति विधायक महज साढ़े 22 लाख रूपये का ही खर्चा सामने आया है।

जमकर किया था प्रचार

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक सीएम भजनलाल ने पहले भरतपुर से टिकट मांगते हुए यहां जमकर प्रचार भी शुरू कर दिया था लेकिन पार्टी ने उन्हें भरतपुर की बजाय सांगानेर से मैदान में उतारा।  यहां पर आचार संहिता लगने और नामांकन पर्चे जमा कराने के बाद उन्होंने 32 लाख 51 हजार रूपये खर्च किए और चुनाव भी जीत गये। इसी तरह पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने 26 लाख , पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने 17 लाख 52 हजार, रूपये खर्च किए।

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विधानसभा चुनाव जीतने के लिए किए लाखों खर्च

दोनों पूर्व सीएम स्टार प्रचारक रहे। हेलिकोप्टर में भी घूमकर अधिकृत प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते नजर आये।  ऐसे में उनके इस खर्चे को पार्टी के चुनावी खर्च में शामिल किया गया है। टोंक से दूसरी बार विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले सचिन पायलेट ने केवल 13 लाख 30 हजार रूपये खर्च करके अपना चुनाव भी जीत लिया। अजमेर उत्तर से बीजेपी प्रत्याशी और अब विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सातवीं बार चुनाव लड़ते हुए 24 लाख 10 हजार रूपये खर्च किए हैं। जबकि पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा का चुनावी खर्च 18 लाख 75 हजार, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल का चुनावी खर्च 36 लाख 75 हजार, सांसद से विधायक का चुनाव लड़ रहे 17 लाख 30 हजार, दिया कुमारी ने महज 16 लाख 36 हज़ार, राज्यवरदन सिंह राठौड़ और किरोड़ी लाल मीणा ने महज 9 लाख 75 हजार रूपये विधानसभा चुनाव जीतने के लिए खर्च किए।

चुनावों में चंदे से निकाला बड़ा खर्च

ज्यादातर नेताओं के अनुसार चुनाव प्रचार सामग्री तो उन्हें पार्टी दफ्तर से मिल गई थी और चुनावों में उन्होंने चंदे से अपना बड़ा खर्च भी निकाला लेकिन पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए किसी ने बड़े नेता ने एक रुपया भी लेना नही दिखाया है। प्रतिपक्ष के नेता बनाए गये कांग्रेस प्रत्याशी टिकाराम जुली ने 30 लाख 96 हजार रूपये खर्च किए, जबकि उप मुख्यमंत्री बनाए गये प्रेम चंद बैरवा ने 14 लाख 97 हजार रूपये चुनाव प्रचार के दौरान खर्च किए। पुष्कर से विधायक और पहली बार मंत्री बनाए गये सुरेश सिंह रावत ने तीसरी बार चुनाव लड़ते हुए 28 लाख 27 हजार रूपये चुनावों में खर्च किए।

First published on: Feb 06, 2024 06:26 PM

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