Rajasthan Assembly Election Exit Polls 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के एग्जिट पोल इस बार फिर प्रदेश में रिवाज बदल रहे हैं। अभी कांग्रेस की सरकार है, नई सरकार भाजपा की बना रहे हैं। एग्जिट पोल के आंकड़े देखें तो लगभग सभी एजेंसियों ने भाजपा को बढ़त दी है। एग्जिट पोल के अनुसार, भाजपा को 199 में से 94 से लेकर 114 सीटें मिल रही हैं। कांग्रेस को 71 से 91 के बीच सीटें मिल रही हैं। वहीं अन्य को 9 से 19 सीटें मिल रही हैं। हालांकि एग्जिट पोल के मुताबिक, भाजपा को बहुमत मिल रहा है, लेकिन अगर यह आंकड़ा ऊपर नीचे होता है तो निर्दलीय सरकार बनाने में फिर से सहयोग कर सकते हैं, क्योंकि 2018 में कांग्रेस ने भी निर्दलीयों को साथ लेकर सरकार बनाई थी। क्षेत्रीय पार्टिया भी निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।
हर 5 साल में सरकार बदलने का ट्रेंड
राजनीतिज्ञों की मानें तो राजस्थान में हर साल सरकार बदलने का ट्रेंड है। पिछले 30 साल से यह ट्रेंड चलता ही आ रहा है। 1993 में भाजपा की सरकार थी। 1998 में कांग्रेस पर लोगों ने भरोसा जताया। 2003 में जनता ने फिर भाजपा की सरकार बनाई। 2008 में कांग्रेस, 2013 में भाजपा, 2018 में कांग्रेस जीती। अब 2023 में एग्जिट पोल तो रिवाज बदल रहे हैं, लेकिन असली तस्वीर तो 3 दिसंबर को मतगणना के बाद ही साफ होगी। वैसे अगर भाजपा जीती तो वह ट्रेंड बदलना होगा और कांग्रेस हारेगी तो इसकी वजह कहीं न कहीं एंटी-इनकमबेंसी होगी। क्योंकि सभी जानते हैं कि कांग्रेस अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच 36 का आंकड़ा है। चुनाव से ठीक पहले दोनों के बीच मतभेद उभर कर सामने आए। सचिन उप-मुख्यमंत्री का पद तो शुरुआत में ही छोड़ चके थे।
विधानसभा चुनाव 2023 में वोट प्रतिशत
राजस्थान में 25 नवंबर 2023 को राज्य में नई सरकार चुनने के लिए मतदान हुआ। प्रदेश में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। इस बार राजस्थान में एक ही चरण में वोटिंग हुई और करीब 75.45 फीसदी मतदान हुआ। इस बार पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने अधिक मतदान किया है। महिलाओं ने 74.72 फीसदी मतदान किया। वहीं पुरुषों ने 74.53 फीसदी मतदान किया। 200 में से 199 निर्वाचन क्षेत्रों में ही वोटिंग हुई थी। करणपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव को स्थगित कर दिया गया था।
2018 के एग्जिट पोल में कांग्रेस आगे थी
साल 2018 में कांग्रेस ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से सत्ता छीन ली थी। 99 सीटें जीतकर कांग्रेस ने कुछ निर्दलीय विधायकों को साथ लेकर सरकार बनाई थी। BJP को सिर्फ 73 सीटें मिलीं थी। 2018 में एक्सिस माय इंडिया ने भाजपा को 102 और कांग्रेस को 122 सीटें दी थीं। एबीपी-सीवोटर ने भाजपा को 94 और कांग्रेस को 126 सीटें दी थी। टाइम्स नाउ ने भाजपा को 126 और कांग्रेस को 89 सीटें दी थीं, जब चुनाव परिणाम आए तो कांग्रेस ने सरकार बनाई।
News24–टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस 2023
राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। न्यूज 24-टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस के मुताबिक, कांग्रेस को 101 ± 12 सीटें और भाजपा को 89 ± 12 सीटें और अन्य को 9 ± 7 सीटें मिलने का भविष्यवाणी की गई है। वहीं वोट शेयर कांग्रेस को 41% ± 3% , भाजपा को 39% ± 3% और अन्य को 20% ± 3% दिखाया गया है।
अन्य एजेंसियों के एग्जिट पोल 2023
टाइम्स नाउ
भाजपा 110-128, कांग्रेस 62-85
इंडिया TV-CNX
भाजपा -111, कांग्रेस 74, अन्य 14
ABP-CVoter
भाजपा 94-114, कांग्रेस 71-91, अन्य 9-19
इंडिया टुडे-एक्सिस
भाजपा 80-100, कांग्रेस 86-106
जी न्यूज
भाजपा 100-110, कांग्रेस 90-100, अन्य 12-19
राजस्थान में इस बार मुख्यमंत्री पद के दावेदार
अगर राजस्थान में भाजपा की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री पद के दावेदार वसुंधरा राजे समेत कई चेहरे होंगे। प्रदेश में CM की रेस में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, जयपुर राजघराने की रानी और सांसद दीया कुमारी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष CP जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के नामों पर चर्चा चल रही है। बता दें कि राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की परंपरा रही है। हर 5 साल में राज्य में सरकार बदल जाती है। इस बार भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को मैदान में उतारा है, जबकि अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने मिलकर चुनाव लड़ने का दावा किया है। अब जनता ने उम्मीदवारों की किस्मत को EVM में कैद कर दिया है। 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आएंगे, जिसमें राजस्थान में ताजपोशी की तस्वीर साफ हो जाएगी।
बेनीवाल और निर्दलीय विधायक निभा सकते भूमिका
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान की राजनीति के चाणक्य माने वाले हनुमान बेनीवाल की RLP और मायावती की बसपा किंगमेकर बन सकती हैं। बेनीवाल की पार्टी को पिछली बार 3 सीटें मिली थीं। इस बार भी 2-3 सीटें मिलने की संभावना है। बसपा को भी 2-3 सीटें मिल सकती हैं। निर्दलीय भी अहम भूमिका निभा सकते हैं। करीब 6 निर्दलीय चुनाव जीत सकते हैं। इनमें भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेता शामिल हैं। आलोक बेनीवाल शाहपुरा जट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि वह कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। बाड़ेमर जिले की शिव विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रविंद्र सिंह भाटी काफी समय तक ABVP से जुड़े रहे। चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय मैदान में उतर गए। भाजपा के बागी आशु सिंह शूरपुरा, राज्यवर्धन राठौर को टक्कर दे रहे।
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