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राजस्थान चुनाव में भाजपा का चक्रव्यूह, जिसमें फंस गए कांग्रेस के 3 ‘अभिमन्यु’, पढे़ं यह विश्लेषण

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। वहीं कुछ कांग्रेसी दिग्गज इस बार भाजपा के चुनावी चक्रव्यूह में फंस गए हैं।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Nov 22, 2023 14:42
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Rajasthan Assembly Election 2023
Rajasthan Assembly Election 2023

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड रहा है। इस बार भी लग रहा है कि यह रिवाज कायम रहेगा। प्रदेश में चुनावी शोर थमने में अब कुछ ही घंटों का समय बचा है। इसके बाद गेंद मतदाताओं के पाले में चली जाएगी कि वे किसके सर पर जीत को सेहरा बाधेंगे। इस बीच एक रणनीति की बड़ी चर्चा हो रही है। भाजपा ने इस बार योजनाबद्ध तरीके से चुनाव लड़ा है। उन्होंने एक ऐसा अभेद चक्रव्यूह रचा है जिसे तोड़ने में कांग्रेस के ‘कौरव’ विफल रहे। भाजपा अपनी इस रणनीति में अब तक सफल भी रही है। पार्टी ने इस बार कांग्रेस दिग्गजों के सामने बड़े चेहरों कोे मैदान में उतारा। इस वजह से कांग्रेस के दिग्गज नेता दूसरी सीटों पर चुनाव प्रचार करने नहीं जा सकें। आईये जानते हैं वे कौनसे दिग्गज हैं जो इस बार भाजपा के इस चुनावी चक्रव्यूह में फंस गए।

1. सचिन पायलट

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भाजपा ने सचिन पायलट के सामने इस बार अजीत मेहता काे प्रत्याशी बनाया है। सचिन पायलट टोंक सीट से चुनाव मैदान में हैं। गुर्जर वोटों की बहुलता के कारण 2018 में पहली बार चुनाव लड़े पायलट को जीत मिली, लेकिन इस बार भाजपा ने यहां से अजीत मेहता को प्रत्याशी बनाया है। अजीत भाजपा के दिग्गज नेता होने के साथ ही स्थानीय भी है। भाजपा के चुनावी मशीनरी के आगे कहीं न कहीं पायलट को लग रहा है कि अगर वे लोगों तक नहीं पहुंचे तो यह सीट उनके हाथ से निकल सकती है। वहीं गुर्जर वोट बैंक भी इस बार कांग्रेस से नाराज है ऐसे में पायलट कुछ सीटों को छोड़कर पूरे प्रदेश में चुनावी दौरे नहीं कर पाए।

2. सीपी जोशी

राजस्थान विधासभा के अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रदेश में दूसरे वरिष्ठ नेता सीपी जोशी नाथद्वारा से चुनावी मैदान में हैं। नाथद्वारा उनकी परंपरागत सीट रही है। लेकिन इस बार उनके सामने भाजपा ने मेवाड़ राजपरिवार से विश्वराज सिंह को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में सीपी जोशी के लिए यह चुनाव जीतना जरूरी है क्योंकि राजस्थान में विधानसभा अध्यक्ष पद पर रह चुके नेताओं का करियर अक्सर डांवाडोल ही रहता है। ऐसे में वे भी अन्य प्रत्याशियों के लिए प्रचार नहीं कर पाए।

3. गोविंद सिंह डोटासरा

सीकर की लक्ष्मणगढ़ सीट से भाजपा ने इस बार सुभाष महरिया को उम्मीदवार बनाया है। सुभाष महरिया भाजपा के दिग्गज नेता रहे हैं। वे कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं। वे सीकर के दिग्गज नेताओं में रहे हैं। वहीं दूसरी ओर डोटासरा 3 बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं। जाट वोटों की बहुलता के साथ ही मुस्लिम वोट भी यहां बहुतायत में हैं। ऐसे में डोटासरा भी इस बार अन्य कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार नहीं कर पाए।

राजस्थान के रण में इस बार कांग्रेस की चुनावी वैतरणी कुल मिलाकर सीएम गहलोत के भरोसे ही हैं। हालांकि कांग्रेस के आला नेताओं के चुनाव प्रचार में उतरने के बाद अब कहीं जाकर कांग्रेस भाजपा को टक्कर दे पा रही है। वैसे राजनीति को परसेप्शन का खेल माना जाता है। फिलहाल तो परसेप्शन की लड़ाई में भाजपा कांग्रेस से कई कदम आगे हैं। बता दें कि प्रदेश में 25 नंवबर को मतदान होना है वहीं 3 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जांएगे।

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Written By

Rakesh Choudhary

First published on: Nov 22, 2023 10:31 AM

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