Rajasthan Assembly Election 2023 Shanti Dhariwal Profile: राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस सभी सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। कांग्रेस ने आखिरी सूची में सीएम गहलोत के खास सिपहसालार शांति धारीवाल को टिकट दिया। धारीवाल पहली सूची से ही टिकट मिलने का इंतजार कर रहे थे। इतना ही नहीं वे पिछले करीब 15 दिनों से दिल्ली में जमे हुए थे। शांति धारीवाल को सरकार में नंबर 2 का दर्जा हासिल था। वे गहलोत सरकार में कानून, संसदीय और शहरी मामलों के मंत्री थे।
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में गांधी परिवार के सामने सीएम गहलोत ने जमकर पैरवी की। एड़ी-चोटी का जोर लगाया तब कहीं जाकर पार्टी ने उनका टिकट फाइनल किया। ऐसे में सवाल उठता है कि धारीवाल में ऐसा क्या है कि वे सीएम गहलोत के सबसे खास माने जाते हैं। बता दें कि सितंबर 2022 में कांग्रेस हाईकमान ने सीएम गहलोत को कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट चुनाव लड़ने के लिए कहा। हालांकि गहलोत हाईकमान के इस प्रस्ताव को ठुकरा नहीं सकते थे। ऐसे में उनके लिए शांति धारीवाल, महेश जोशी, धर्मेंद्र राठौड़ ने मोर्चा संभाला।
कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र से श्री शांति धारीवाल है कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी।
कोटा उत्तर के मतदाताओं से सादर निवेदन है कि #25_नवम्बर को अपना मत श्री शांति धारीवाल जी को ही दें।#काम_किया_दिल_से#कांग्रेस_फिर_से pic.twitter.com/fOd8BtfhqP— Rajasthan PCC (@INCRajasthan) November 5, 2023
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यह था राजस्थान का बहुचर्चित सामुहिक इस्तीफा कांड
सीएम गहलोत की प्रेसिडेंट पद पर उम्मीदवारी की घोषणा के बाद हाईकमान ने राजस्थान में नया सीएम चुनने के लिए पर्यवेक्षकों का एक दल भेजा। जिसमें वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन शामिल थे। इसके लिए विधायक दल की बैठक बुलाई जिसमें यह तय था सचिन पायलट को प्रदेश का अगला सीएम बनाया जाएगा। इस दौरान शांति धारीवाल और महेश जोशी ने विधायक दल के इतर एक और बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस के 97 विधायक मौजूद थे। इतना ही नहीं गहलोत की जगह पर पायलट को सीएम बनाने की स्थिति में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सभी विधायकों ने सामूहिक इस्तीफे भी दे दिए थे। इसके बाद हाईकमान को पीछे हटना पड़ा।
आखिरकार मिल ही गया टिकट
इस कांड के बाद कांग्रेस हाईकमान ने शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ को अनुशासनहीनता का नोटिस दिया। हालांकि सीएम गहलोत की पैरवी के चलते हाईकमान ने इनमें से किसी पर कोई एक्शन नहीं लिया। अब जब विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी की बात आई तब भी सीएम गहलोत ने तीनों को टिकट दिलाने की भरसक कोशिश की, लेकिन पार्टी हाईकमान ने जोशी और राठौड़ का टिकट काट दिया। आखिर में जोशी टिकट लेने में सफल रहे।
शांति धारीवाल का जन्म 29 अक्टूबर 1943 को कोटा में हुआ। वे जैन समुदाय से आते हैं। धारीवाल अपने तल्ख बयानों के कारण भी जाने जाते हैं। मंत्री खाचरियावास और बीडी कल्ला से वे कैबिनेट मीटिंग में सीएम के सामने ही उलझ जाया करते थे।