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राजस्थान

विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ भड़के विधायक बालमुकुंद आचार्य, स्मार्ट सिटी को लेकर उठाए ये सवाल

जयपुर को स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर सरकार करोड़ों रुपये के आवंटन का दावा कर रही है। इसी बीच हवामहल से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने अधिकारियों और सरकारी जांच को लपेटे में लिया है। विस्तार से पूरे मामले के बारे में जानते हैं।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Mar 19, 2025 20:23
Balmukund Acharya

केजे श्रीवत्सन, जयपुर

केंद्र सरकार ने जयपुर को स्मार्ट सिटी बनाने और उसके लिए करोड़ों रुपये का आवंटन किया है, लेकिन हवामहल से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने मामले में कई सवाल उठाए हैं। विधायक को लगता है कि जयपुर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए हुए कार्यों में बड़े स्तर पर धांधलियां की गई हैं। इसको लेकर उन्होंने बुधवार को विधानसभा में सरकार के सामने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया। इसका जवाब देते हुए नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ रुपये स्मार्ट सिटी के लिए दिए थे। उसमें से 800 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं या पूरे होने जा रहे हैं, जहां तक इसमें धांधली की बात है, आईआईटी रुड़की और जयपुर के एमएनआईटी से सरकार ने कार्यों की गुणवत्ता की जांच करवाई थी।

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अनुभवी थर्ड पार्टी की जांच में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं पाई गई है। यदि फिर भी विधायक को किसी कार्य में कोई गड़बड़ी नजर आ रही है तो उसकी जानकारी सरकार को दें, ताकि मामले की जांच करवाई जा सके। खर्रा ने यह भी साफ कर दिया कि प्रोजेक्टों में निर्माण कार्यों की जांच के लिए आईआईटी रुड़की और एमएनआईटी जयपुर से बड़ी और कोई तकनीकी संस्था देश में नहीं हैं। इन दोनों ने ही जब कार्यों की गुणवत्ता को सही बता दिया है तो विधायक की शंका जायज नहीं है।

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विधायक जवाब से नहीं हुए संतुष्ट

मंत्री के इस जवाब विधायक बालमुकुंद आचार्य खुश नहीं दिखे। उन्होंने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि वे खुद स्मार्ट सिटी के कई निर्माण कार्यों को देखकर आए हैं और अपने स्तर पर उनकी जांच भी करवाई है। निर्माण कार्यों में घटिया किस्म की निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है। बनने के कुछ महीने बाद ही ये निर्माण टूट रहे हैं। यदि इनकी निष्पक्ष तरीके से जांच करवाई जाए तो सच्चाई सामने आ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस अधिकारी के भरोसे पर पूरी जांच की जिम्मेदारी है, वे पिछले 5 साल से अपनी सीट पर बैठे हैं और स्मार्ट सिटी का निर्माण कार्य करवा रहे हैं। ऐसे में जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठने जायज हैं।

नए अफसर को नियुक्त करो

उन्होंने आरोप लगाया कि जब उन्होंने निर्माण कार्यों के संबंध में रिपोर्ट मांगी तो अधिकारी ने जवाब देने के बजाय अब रिटायरमेंट के लिए आवेदन कर दिया है। यदि मंत्री को भरोसा नहीं होता है तो एक दिन वह उन्हें वक्त निकालकर दें, ताकि कुछ जगहों पर जाकर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को परखा जा सके। आचार्य ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस के पिछले 5 सालों में हुए निर्माण कार्य पूरी तरह घटिया थे और पिछले डेढ़ सालों में भी वही अधिकारी इन निर्माण कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं, जो कतई उचित नहीं है। इन्हें हटाकर किसी नए अधिकारी को नियुक्त किया जाना चाहिए।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Mar 19, 2025 08:23 PM

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