Rajasthan: भाजपा हाईकमान ने आज से ठीक तीन महीने पहले तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को पद से हटाकर चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी को नया प्रदेशाध्यक्ष बना दिया था। इससे पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा हाईकमान चुनावी साल में प्रदेशाध्यक्ष बदलने का जोखिम नहीं लेगा। लेकिन पार्टी के अंदरखाने लगातार हो रही गुटबाजी को समाप्त करने के लिए पार्टी ने यह कदम उठाया। इसके बाद हाईकमान ने पूनिया को विधानसभा उप नेता प्रतिपक्ष बनाया।
एक बार फिर चर्चा में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पूनिया
अब एक बार फिर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और आमेर से विधायक सतीश पूनिया चर्चा में हैं। और इस बार चर्चा की वजह है उनके द्वारा प्रकाशित कराई गई एक किताब। जिसमें उन्होंने खुद के सवा तीन साल के काम का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया है। पुस्तक का टाइटल ‘3 वर्षः संगठन, सेवा और संघर्ष’ है। फिलहाल उनकी टीम के द्वारा इस पुस्तिका को कार्यकर्ताओं और नेताओं तक पहुंचाया जा रहा है।
पार्टी के आला नेताओं को भिजवाई जाएगी पुस्तक
खबर तो यह भी है कि ये पुस्तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डाए,राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, सभी केन्द्रीय मंत्री, भाजपा के सभी केन्द्रीय पदाधिकारियों, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों, सभी लोकसभा व राज्यसभा सांसद व विधायकाें काे भिजवाई जाएगी।
पूनिया ने बताया कि इस किताब में बताया गया है कि 14 सितंबर 2019 में प्रदेशाध्यक्ष पद का दायित्व मिला और इसके बाद संगठन को मजबूत करने और मोदी सरकार की योजनाएं खुद और कार्यकर्ताओं के जरिए पहुंचाने में समय गुजारा। पूनिया बताया कि किस तरह उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए 3.5 लाख किमी. की यात्रा, 33 जिलों में 250 बार प्रवास और इसके अलावा 190 विधानसभा सीटों के कई प्रवास किए।
पंचायत चुनाव का लेखा-जोखा किया प्रस्तुत
इस दौरान हुए पंचायत चुनावों का भी उन्होंने लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उनके कार्यकाल में 352 में 143 प्रधान बनाए, 33 में से 19 जिला प्रमुख, कुल 1014 सदस्यों में 505 जिला परिषद सदस्य बनाए। कुल 6993 में 2863 पंचायत समिति सदस्य बने। 10 नगर निगमों में से 5 के महापौर बनाए। प्रदेश की 11 हजार 316 ग्राम पंचायतों में 4 हजार 541 सरपंच पार्टी की विचारधारा रखने वाले बनाए गए।
पुस्तक कार्यकर्ताओं का हौंसला बढ़ाएगी
पुस्तक के बारे में बताते हुए पूनिया ने कहा कि इस किताब से पुराने कार्यकर्ताओं का पार्टी के प्रति कार्य करने का हौंसला बढ़ेगा, जबकि नए कार्यकर्ताओं को प्रेरणा मिलेगी। कार्यकर्ताओं के संग हम सभी ने मिलकर जाे मेहनत की थी और जाे उपलब्धियां हासिल की थीं, इस किताब में सिर्फ उसे दाेहराने का काम किया है।