सवाई माधोपुर: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के चर्चित फूल मोहम्मद हत्याकांड में बड़ी खबर सामने आ रही है। इस चर्चित मर्डर केस में सवाईमाधोपुर के अतिरक्ति मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एससी/एसटी का अहम फैसला सामने आया है। अब इस मामले में एसीजेएम कोर्ट ने 11 साल बाद तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्र सिंह समेत 30 आरोपियों को दोषी माना है जबकि 49 लोगों को दोषमुक्त कर दिया है।
कोर्ट शुक्रवार को सजा सुनाएगा
बता दें 17 मार्च 2011 को जिले के मानटाउन थाने के सीआई फूल मोहम्मद को भीड़ ने जिंदा जला दिया था जिसमें 11 साल बाद एसीजेएम कोर्ट ने तत्कालीन डीएसपी महेन्द्र सिंह समेत 30 को दोषी करार दिया है। वहीं कोर्ट ने 49 लोगों को बरी कर दिया है। इन सभी दोषियों को कोर्ट शुक्रवार को सजा सुनाएगा।
ट्रायल के दौरान पांच आरोपियों की मौत
वहीं इस मामले की जांच तत्कालीन गहलोत सरकार ने सीबीआई को सौंपी थी जहां दो बाल अपचारी सहित 89 लोगों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया गया था। इस मामले में करीब 13 साल के न्यायिक ट्रायल के दौरान पांच आरोपियों की मौत हो चुकी है। ऐसे में अब न्यायालय ने तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेन्द्र सिंह कालबेलिया और मानटाउन थाने के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर सुमेर सिंह समेत 30 लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया है।
ये था पूरा मामला
गौरतलब है कि 17 मार्च 2011 को सवाईमाधोपुर के मानटाउन थाना क्षेत्र के सूरवाल गांव में लोग दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और उनके परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान राजेश मीणा एवं बनवारी लाल मीणा पेट्रोल से भरी बोतलें लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए और आत्महत्या की धमकी दी। बनवारी को लोगों ने समझाकर टंकी से नीचे उतार लिया लेकिन राजेश मीणा ने खुद पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा ली और टंकी से नीचे कूद गया।
भीड़ ने घेरकर जिन्दा जला दिया था
इस घटना के बाद गुस्साए लोगों ने सूरवाल गांव में तैनात मानटाउन थानाधिकारी फूल मोहम्मद एवं पुलिस जवानों पर पथराव करना शुरू कर दिया। इससे घबराए पुलिसकर्मी वहां से भाग निकले। जान बचाने के लिए थानाधिकारी फूल मोहम्मद जीप चलाकर भागने लगे लेकिन भीड़ ने उन्हें घेर लिया और जीप को आग लगा दी जिसमें फूल मोहम्मद की जलने से मौत हो गई थी।
मालूम हो कि इस घटना के बाद तत्कालीन राजस्थान सरकार ने सीआई फूल मोहम्मद को शहीद का दर्जा दिया था। वहीं CI के हत्याकांड मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीबीआई जांच करवाने की घोषणा की थी। सीबीआई जांच में ही मामले में 89 लोगों को आरोपी बनाया जिनमें से 3 आरोपी अब भी फरार है।