Naresh Meena Case: राजस्थान के टोंक जिले के समरावता गांव में उपचुनाव के दौरान हिंसा करने के मामले में आरोपी नरेश मीणा आखिरकार जेल से बाहर आ गए हैं। देवली-उनियारा उपचुनाव में मतदान के दौरान थप्पड़ कांड के मामले में गिरफ्तार हुए नरेश मीणा 240 दिन बाद जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। राजस्थान हाई कोर्ट ने शुक्रवार को नरेश मीणा की जमानत याचिका मंजूर की थी। जेल से बाहर आने के बाद मीडिया से बात करते हुए नरेश मीणा ने कहा कि कोर्ट के आदेश की वजह से वह माला और साफा नहीं पहन पाए, जिसका उन्हें अफसोस है।
रामायण की चौपाई के साथ संबोधन की शुरुआत
समरावता गांव में हिंसा और आगजनी के मामले में नरेश मीणा 8 महीने तक जेल में बंद रहा। नरेश मीणा ने जेल से रिहा होने के बाद सबसे पहले समरावता गांव पंहुचेकर समरावता की धरती को नमन किया। इस दौरान टोंक से लेकर समरावता गांव तक जगह-जगह सड़क पर नरेश मीणा के चाहने वाले समर्थकों की भीड़ उनकी एक झलक देखने को बेताब नजर आई। नरेश मीणा ने समरावता गांव पंहुचकर रामायण की चौपाई ‘रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाये’ के साथ अपनी बात रखी।
नरेश मीणा ने ये कमाया है जलने वाले तो जलेंगे ही!
ऐसा काफिला और ऐसी फैन फोलोइंग राजस्थान में हनुमान बेनीवाल के बाद देखी है! 🔥🙏🏻#WelcomeNareshMeena #नरेश_मीणा pic.twitter.com/GmLIVSfRMQ— Sagar Verma (@politics_vibes) July 14, 2025
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क्यों नहीं पहन सके माला और साफा?
नरेश मीणा ने कहा कि सनातन के अनुसार किसी का स्वागत सत्कार अस्वीकार नहीं करना चाहिए। लेकिन कोर्ट के आदेशों की पालना करना है, इसलिए मैं ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा। मैं कोर्ट के आदेशों की सदा पालना करूंगा समरावता के लोग से रूबरू होते हुए नरेश मीणा ने कहा कि समरावता ने मुझे अपना बेटा माना और मैं बेटा बनकर ही यहां आया हूं। बेटा हूं और हमेशा आपका बेटा बनकर ही रहूंगा।
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आखिर क्या था पूरा मामला?
बता दें कि देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में नरेश मीणा ने निर्दलीय उम्मीदवार थे। मतदान के दौरान उन्होंने समरावता गांव के एक बूथ पर मौजूद SDM को किसी विवाद की वजह से थप्पड़ मार दिया था। इस बाद गांव में काफी बवाल मच गया था। विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने अगल दिन नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया था।