Lok Sabha Election 2024 (केजे श्रीवत्सन): राजस्थान में ऐसा माना जाता है की जाट राजनीति का रुख किस ओर होगा इसका फैसला नागौर लोकसभा सीट से तय होता है।इस बार यहां कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला है। पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली ज्योति मिर्धा इस बार भाजपा से चुनाव मैदान में है, वहीं NDA के साथ मिलकर 2014 का लोकसभा चुनाव जितने वाले हनुमान बेनीवाल (RLP) इस बार इंडिया गठबंधन के साथ इस सीट से ताल ठोक रहे हैं।
आज जन-संपर्क कार्यक्रमों में भी जनता का अपार स्नेह और समर्थन हमेशा की तरह नागौर संसदीय क्षेत्र में इंडिया गठबंधन को प्राप्त हो रहा है,आज के निर्धारित कार्यक्रमों में अत्यधिक देरी हो जाने के कारण ग्राम पंचायत ढ़ेहरी व बुगरड़ा में प्रस्तावित जन – संपर्क कार्यक्रम स्थगित किए जा रहे…
---विज्ञापन---— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) April 1, 2024
सीट में आते हैं राजस्थान के सात जिले
जानकारी के अनुसार नागौर राजस्थान के सात जिलों बीकानेर, चुरू, सीकर, जयपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर की सीमाओं से घिरा है। क्षेत्रफल के लिहाज से यह राज्य का पांचवां सबसे बड़ा जिला है। नागौर के एक हिस्से में थार का रेगिस्तान है और यह अपने मार्बल के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां के पत्थरों का ताजमहल से लेकर अयोध्या के राम मंदिर तक में इस्तेमाल हुआ है।
इस बार सीट पर रोचक मुकाबला
ज्योति मिर्धा नागौर लोकसभा में सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। वह दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव भी लड़ी थीं। वह दिग्गज नेता नाथूराम मिर्धा की पोती हैं। नाथूराम मिर्धा छह बार नागौर से सांसद का चुनाव जीते चुके हैं। वहीं, हनुमान बेनीवाल दमदार नेता हैं। साल 1977 से ही इस सीट पर लगातार जाटों का वर्चस्व रहा है, ऐसे में हनुमान के साथ को कांग्रेस भी अपने लिए जाट वोट बेंक के लिहाज से ऑक्सीजन मान रही है।
सीट का पूरा समीकरण
नागौर क्षेत्र में लाडनूं, जायल, डीडवाना, नागौर, खींवसर, मकराना, परबतसर और नवां की आठ विधानसभा सीटें आती हैं। नागौर लोकसभा सीट पर 401,434 यानी 20.9 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटर हैं। यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 14.3 फीसदी यानी 275,215 है। इस लोकसभा क्षेत्र के 79.9 फीसदी वोटर गांवों में रहते हैं। जातिगत समीकरणों को देखा जाए तो यहां मुख्य रूप से जाट, मुस्लिम और एससी में मेघवाल की संख्या अधिक है।