Jaipur Blast Case: जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार सुबह हुए टैंकर ब्लास्ट हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 25 से अधिक लोग भर्ती है। हादसे के बाद से ही हादसे से जुड़े घायलों का संघर्ष आसपास के लोगों के जरिए लगातार सामने आ रहा है। आग लगने के बाद लगभग 30 से अधिक जले हुए पीड़ितों ने एक फाॅर्महाउस में शरण ली थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार हाईवे के किनारे खेत में बने एक कच्चे घर में रह रहा परिवार घायलों के चिल्लाने की आवाज सुनकर चौंक गया। जब उसने अपने दरवाजे खोले तो एक भयानक दृश्य देखा।
परिवार के मुखिया भंवरलाल ने बताया हादसे में जले घायल लोग कपड़े और पानी मांग रहे थे। कई लोग बुरी तरह जल चुके थे, वहीं कुछ लोग बहुत ही मुश्किल से बोल पा रहे थे। घटनास्थल से 1.5 किलोमीटर दूर एक कंदोई हाॅस्पिटल हैं, लेकिन हाॅस्पिटल और खेत को अलग करने वाली दीवार की ऊंचाई करीब 8 फीट थी। ऐसे में घायलों के लिए इस दीवार को पार करना मुश्किल था।
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30 लोगों को ऐसे पार करवाई दीवार
इसके बाद किसान भंवरलाल के बेटे राकेश सैनी ने सीढ़ी के जरिए एक-एक करके 30 लोगों को दीवार पार करवाकर हाॅस्पिटल पहुंचाया। वहीं कंडोई हाॅस्पिटल के डाॅक्टर रमन कंडोई ने बताया 30 झुलसे हुए लोग उनके हाॅस्पिटल पहुंचे। उनकी त्वचा जल रही थी और वे दर्द से तड़प रहे थे। एक सर्जन होने के नाते मेरे लिए यह दृश्य देखना बहुत ही भयावह था। इसके बाद मैंने और मेरी पत्नी ने घायलों का प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया। हम हमेशा हाईवे से अपनी निकटता के कारण दो एंबुलेंस स्टैंडबाय पर रखते हैं। इसके बाद हमने एक-एक सभी घायलों को हाॅस्पिटल पहुंचाया।
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