Huge Uproar in Rajasthan Assembly: न्यूज 24 से एक्सक्लूसिव बातचीत में कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि उन्होंने दादी शब्द का उपयोग कटाक्ष के रूप में नहीं किया है। इंदिरा गांधी के प्रति उनका पूरा सम्मान है। फिर भी यदि कांग्रेस को इसमें बुरा लग रहा था तो विधानसभा में ही उन्होंने अपने शब्दों को वापस लेकर इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने की विधानसभा अध्यक्ष से अपील की थी। उन्होंने कहा कि यदि इंदिरा गांधी के लिए कांग्रेस को यह शब्द अपमानजनक लगते हैं तो वे अपने इस बयान के लिए माफी मांगने के लिए भी तैयार हैं। विधानसभा अध्यक्ष यदि सदन की कार्यवाही से इस शब्द को बाहर निकलते हैं तो वह इसे भी स्वीकार करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के बीच अंदरूनी कलह इस कदर है कि इस पूरे मामले को बेवजह तूल देकर बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है।
विधानसभा में मचे बवाल पर भी दी सफाई
उन्होंने कहा कि विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने इतना कहा कि इंदिरा गांधी के नाम पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने एक योजना तो बना दी। लेकिन, उसके लिए 1 रुपये का फंड भी नहीं दिया। वहीं, हमारी भजनलाल सरकार ने उसके लिए 165 करोड़ रुपये पर आवंटित की है। इसपर मैंने कहा कि अपनी दादी की योजना का क्या हाल शुरू हुआ है देख लीजिए। यदि ‘दादी’ शब्द को लेकर उन्हें एतराज है तो पहले सलमान खुर्शीद पर कार्रवाई होनी चाहिए।
‘नेता प्रतिपक्ष और गोविंद सिंह डोटासरा के बीच अंदरूनी कलह ही हंगामा की वजह’
गहलोत ने कहा कि इंदिरा गांधी हमारे लिए सम्मानीय हैं। उनका अपमान करने की हमारी कभी कोई भावना या मंतव्य नहीं रही है। लेकिन, कांग्रेस का आंतरिक कलह इस कदर है कि नेता प्रतिपक्ष और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा के बीच में अंदरूनी कलह ही हंगामे के कारण बन गया। हमने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी देखा कि इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि नेता प्रतिपक्ष को कांग्रेस पार्टी के लोगों ने बोलने दिया हो।
‘इंदिरा गांधी के लिए ‘दादी’ शब्द कटाक्ष के रूप में नहीं थे, पूरा सम्मान करते हैं आयरन लेडी का’
कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि इंदिरा गांधी के लिए ‘दादी’ शब्द कटाक्ष भरे नहीं थे। कांग्रेस सरकार की आखिरी बजट घोषणा में एक योजना थी ‘इंदिरा गांधी वर्किंग वूमेन हॉस्टल योजना’। लेकिन, उसके लिए फंड नहीं दिया गया था। मैंने यही कहा कि आपकी दादी की योजना के लिए हमने फंड दिया है। उन्हें समझना होगा कि हमारे घर में यदि कोई बड़ा होता है तो पहले मां होती है और उनसे बड़ा कोई होता है तो दादी होती है। इंदिरा गांधी आयरन लेडी थीं। वह हमारे लिए सम्मानीय हैं। उनके लिए दादी शब्द का उपयोग मैं नहीं समझता कि अपमानजनक या असंसदीय है। यदि बड़ों के लिए मां या दादी जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं होता है, तो वह मुझे बता दे मैं माफी मांगने के लिए तैयार हूं। हमारे विधानसभा अध्यक्ष या पार्टी जो भी निर्देश देगी उसे भी पूरा करूंगा।
‘विरोध के पीछे की वजह राजनीतिक कारण’
गहलोत ने कहा कि पिछले 1 साल से भजनलाल ने जो काम किए हैं, उससे सभी वर्ग को फायदा मिल रहा है। वे 24 में से 18 से 20 घंटे काम करते हैं। कार्यकर्ताओं से मिलते हैं। कांग्रेस चाहती है कि वह प्रदेश के विकास की बात नहीं करें। बाधा डालें। यह उसकी बौखलाहट का नतीजा है। वे जनहित के मुद्दों से जनता का ध्यान भटकना चाहते हैं। पहले भी कई बार सदन में जनहित के मुद्दे उठे हैं। लेकिन, अध्यक्ष के आसान तक जाकर कभी किसी ने ऐसा कुछ नहीं किया है।
विपक्ष को सदन में बोलते नहीं देने के आरोपों पर दिया यह जवाब
मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान जब कांग्रेस ने हंगामा शुरू किया तो अध्यक्ष जी के साथ-साथ मैंने भी कहा था कि यदि कांग्रेस दादी शब्द को अपमानजनक मानती है, तो उसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने के लिए तैयार हैं। आसन की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी सबकी होती है लेकिन, विपक्षी नेता उस वक्त भूल गए थे कि वे विधानसभा में बैठे हुए हैं। वे अध्यक्ष की ओर हमला करने की नीयत से आगे बढ़े। यह कांग्रेस कार्यालय नहीं था। विधानसभा थी। विधानसभा मर्यादाओं और परंपराओं से चलती है लेकिन, जिस तरह का उनका आचरण रहा है, पूरे भाजपा विधायक दल ने अध्यक्ष जी के सामने यह प्रस्ताव रखा की ऐसी हरकत करने वाले 6 विधायकों को निलंबित किया जाए ताकि आने वाले भविष्य में कभी इस तरह की कोई हिमाकत न कर सके।
गतिरोध टूटने के सवाल पर
समाज कल्याण मंत्री गहलोत ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर जब नेता प्रतिपक्ष को बोलना था तब भी ऐसा ही हुआ था। कांग्रेस की यही परंपरा रही है, जो कि लोकतंत्र के लिए कतई ठीक नहीं है। इस स्थिति को समझे और विपक्ष सत्ता पक्ष के साथ मिलकर काम करें। मैंने पहले भी कहा था और अब भी कह रहा हूं कि पार्टी का नेतृत्व जो मेरे लिए तय करेगा, विधानसभा अध्यक्ष जो कहेंगे उसे मैं मानने के लिए तैयार हूं। कांग्रेस पार्टी के नेता सैकड़ों बार जिस दादी शब्द को इंदिरा गांधी के लिए बोल चुके हैं, उस शब्द को मैंने मर्यादित रूप से बोला है। उनके अपमान की ना तो मेरी कोई मंशा थी और ना ही हम ऐसा करते हैं। मुझे पता है इंदिरा गांधी, राजीव गांधी हमारे प्रधानमंत्री रहे हैं और कोई भी नेता जिनका हमारे राजनीति में योगदान है, उनके लिए हम सपने में भी ऐसा नहीं सोचते। फिर भी हमारी पार्टी के नेता कोशिश कर रहे हैं कि विपक्ष के लोगों से बातचीत करें ताकि यह गतिरोध टूटे।