राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पिछली सरकार का एक और बड़ा फैसला पलट दिया। इसके तहत अब जयपुर में दो नगर निगम के बजाए एक ही नगर निगम होगा। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने साल 2019 में जयपुर हेरीटेज और जयपुर ग्रेटर नाम से दो नगर निगम का गठन किया था, लेकिन अब भजनलाल सरकार ने इस फैसले को बदल दिया। अब इन दोनों नगर निगम को मिलाकर जयपुर नगर निगम एक ही होगा।
राज्य सरकार की अधिसूचना दोनों नगर निगम के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद प्रभावी होगी। जब अशोक गहलोत की सरकार थी तब न सिर्फ जयपुर में बल्कि जोधपुर और कोटा में भी एक के बजाए दो-दो नगर निगम बनाए गए थे। दो नगर निगम बनने से कांग्रेस को राजनीतिक फायदा भी मिला था। जयपुर ग्रेटर नगर निगम में बीजेपी के पास बहुमत था और सौम्या गुर्जर भाजपा से चुनाव लड़कर मेयर बनीं। साथ ही बोर्ड भी बीजेपी का बना। वहीं, जयपुर हेरीटेज में कांग्रेस का मेयर और बोर्ड बना।
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17 अप्रैल तक मांगे गए सुझाव
अब राजस्थान में डबल इंजन की सरकार है और भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के इस फैसले को पलट दिया है। इसके बाद जयपुर के कुल 250 वार्ड का पुनर्गठन कर फिर से पहले की तरह 150 वार्ड बनाए जाएंगे। इन वार्डों के सीमांकन का प्रस्ताव भी निर्धारित किया गया है। इन प्रस्ताव पर आम जनता से 17 अप्रैल तक सुझाव मांगे गए हैं।
अब 3-4 वार्डों को मिलाकर बनेगा एक वार्ड
ऐसा कहा जा रहा है कि परिसीमन के तहत अब भजनलाल सरकार 3 से 4 वार्डों को मिलाकर एक वार्ड बनाएगी। उधर, कांग्रेस सरकार ने जब जयपुर हेरीटेज और जयपुर ग्रेटर नगर निगम बनाया था तो उस वक्त हर वार्ड की जनसंख्या करीब 10 से 14 हजार के बीच में थी, जोकि अब बढ़कर करीब 25 से 30 हजार तक हो जाएगी।
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