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राजस्थान

Exclusive: नई वर्दी नई ऊर्जा! BSF जवानों की यूनिफॉर्म में क्या हुआ बदलाव? पहली बार हुआ डिजिटल प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल

Exclusive on BSF New uniform: भातर की सीमाओं को सुरक्षित रखने वाली बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान की वर्दी में एक बड़ा बदलाव दिखने वाला है। जवानों की ये नई वर्दी बहुत ही खास आरामदायक है। पढ़ें BSF के नए ड्रेस कोड पर न्यूज़24 की यह एक्सक्लूसिव स्टोरी...

Author Written By: kj.srivatsan Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Jun 10, 2025 15:44
Exclusive on BSF New Uniform
बीएसएफ जवानों की वर्दी में बदलाव (News24 GFX)

Exclusive on BSF New Uniform: देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान अब जल्द ही एक नए और आधुनिक डिजिटल कॉम्बैट पैटर्न लुक में नजर आएंगे। एक ऐसा डिज़ाइन जो सीमाओं की भौगोलिक विविधता को समझायेगा। बीएसएफ की वर्दी में वर्षों बाद बड़ा बदलाव किया गया है। यह बदलाव केवल वर्दी की रंगत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके फैब्रिक, डिज़ाइन और उपयोगिता में भी क्रांतिकारी परिवर्तन शामिल हैं। बीएसएफ की यह नई वर्दी अब डिजिटल कॉम्बैट पैटर्न में होगी, जो न केवल दिखने में आकर्षक है, बल्कि ऑपरेशन के लिहाज़ से भी अधिक उपयोगी और टिकाऊ मानी जा रही है। खाकी, हरा और भूरा रंग के मेल से बनी ये वर्दी जवान को बेहतर कैमोफ्लाज देती है। ये ऑपरेशन के वक्त जवानों को दुश्मन की नजरों से बचाने में मददगार साबित होगी।

BSF के राजस्थान फ्रंटियर IG एम एल गर्ग ने कहा कि हमने फील्ड ट्रायल किए, जवानों की प्रतिक्रिया ली। यह बदलाव सिर्फ दिखावे के लिए नहीं है, बल्कि यह जरूरत का नतीजा है।

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बेहद आरामदायक है नई वर्दी

खास बात यह है की नई वर्दी को किसी फैशन रैम्प पर नहीं, बल्कि रेगिस्तान की तपती रेत पर परखा गया है। बीएसएफ मुख्यालय ने जवानों से राय ली, उनके अनुभव को समझा और फिर डिजाइन को अंतिम रूप दिया। यही वजह है कि ये वर्दी न सिर्फ देखने में आधुनिक है, बल्कि पहनने में भी बेहद आरामदायक है।

डिजिटल प्रिंटिंग तकनीक का होगा इस्तेमाल

पहली बार बीएसएफ की वर्दी में डिजिटल प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल हुआ है। यह तकनीक केवल वर्दी को स्टाइलिश नहीं बनाती, बल्कि दुश्मनों के लिए जवानों की मौजूदगी को भ्रमित करना भी आसान बनाती है। डिजिटल पैटर्न वाले कपड़े जल्दी खराब नहीं होते और लंबे समय तक अपनी रंगत व गुणवत्ता बनाए रखते हैं। लंबे समय तक रंग और गुणवत्ता को बरकरार रखने वाली यह वर्दी अब ऑपरेशनल जरूरतों के लिहाज से कहीं बेहतर मानी जा रही है।

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दुश्मनों की नजरों से छिपने में करेगा मदद

दरअसल, नई वर्दी में 50 प्रतिशत खाकी, 45 प्रतिशत हरा और 5 प्रतिशत भूरा रंग होगा। यह कपड़ा खासतौर पर राजस्थान के रेगिस्तानी और पंजाब- बंगाल के आर्द्र और सीमावर्ती क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार जवानों को बेहतर कैमोफ्लाज सुविधा देना है। यानी यह वर्दी दुश्मनों की नजरों से छिपने में मदद करेगी और ऑपरेशन के दौरान जवानों को अधिक सुरक्षा प्रदान करेगी। इसमें 80 प्रतिशत कॉटन, 19 प्रतिशत पॉलिएस्टर और 1 प्रतिशत स्पैन्डेक्स से मिलकर बनने वाला नया फैब्रिक जवानों को गर्म मौसम में राहत देगा। राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके हों या बंगाल की उमस, ये वर्दी हर मौसम की कसौटी पर खरी उतरने के लिए तैयार है।

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क्या बोले बीएसएफ के DIG?

BSF के DIG योगेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि नई वर्दी जवानों को लंबे समय तक ड्यूटी में सक्रिय बनाए रखेगी। गर्म इलाकों में ये बहुत उपयोगी साबित होगी। उन्होंने कहा कि वर्दी सिर्फ शरीर ढकने का कपड़ा नहीं होती। यह गर्व है, पहचान है और ज़िम्मेदारी का प्रतीक है। जब कोई जवान इस डिजिटल वर्दी में सीमा पर खड़ा होता है, तो वो सिर्फ देश की सुरक्षा नहीं करता है। वह नए भारत की सोच, उसकी तकनीकी ताकत और आधुनिक दृष्टिकोण का प्रतिनिधि बन जाता है।

BSF की यह नयी वर्दी सिर्फ एक ड्रेस कोड ही नहीं है, बल्कि बदलते भारत की सेनी सोच की झलक भी है। जहां हर बदलाव जवानों की जरूरत, सुविधा और मिशन की सफलताओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। जब BSF के जवान इस डिजिटल कोम्बेट ड्रेस में नजर आयेंगे तो ये ना सिर्फ आधुनिक भारत की छवि भी पेश करेंगे, बल्कि दुश्मन से भी और बेहतर तरीके से अपनी और सीमाओं की हिफाजत करते दिखेंगे।

First published on: Jun 10, 2025 03:44 PM

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