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Rajasthan News: महिला आरक्षण पर भाजपा की हकीकत, 44 में सिर्फ 7 जिलों में महिलाएं बनीं अध्यक्ष

Rajasthan News: राजस्थान बीजेपी ने लंबे समय बाद अपने सभी जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा की है। हालांकि, यहां पार्टी महिलाओं को नेतृत्व में आगे लाने के वादे से पीछे रह गई। पार्टी ने सिर्फ 7 जिलों में महिलाओं को जिला अध्यक्ष बनाया है।

Author Written By: kj.srivatsan Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Jun 20, 2025 15:06
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महिला आरक्षण पर भाजपा की हकीकत (X)

Rajasthan News: राजस्थान बीजेपी ने एक लंबी कशमकश के बाद आखिरकार अपने सभी जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान कर दिया है। सूबे में भाजपा ने अपने 44 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति तो पूरी कर ली है। लेकिन इस बीच महिलाओं को नेतृत्व में आगे लाने का उसका दावा हकीकत में काफी पीछे नजर आया है। पार्टी ने सिर्फ 7 जिलों में महिलाओं को जिला अध्यक्ष बनाया है। इसमें बीकानेर शहर, झुंझुनूं, दौसा, भरतपुर, नागौर देहात, जोधपुर देहात उत्तर और सिरोही शामिल हैं। भाजपा ने खुद संगठन में 33% महिला आरक्षण देने की बात कही थी, लेकिन यहां कुल नियुक्तियों का महज 15% हिस्सा ही महिलाओं को दिया गया।

महिला आरक्षण की तस्वीर

अगर पार्टी अपने ही तय 33% आरक्षण के फार्मूले पर चलती तो कम से कम 15 जिलों में महिला जिला अध्यक्ष बनती। वैसे, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भले ही 33 फीसदी आरक्षण के हिसाब से महिलाओं को जगह नहीं दे पाए हैं। लेकिन पार्टी जिला अध्यक्षों को यह निर्देश जरूर दे रही है कि वे अपनी 21 सदस्यीय कार्यकारिणी में कम से कम 7 महिलाओं को शामिल करें और कोशिश करें कि जिला महामंत्री में कम से कम एक महिला की नियुक्ति हो। अगर यह फार्मूला जमीन पर उतरा तो कार्यकारिणी में 33% महिला आरक्षण की तस्वीर कुछ हद तक पूरी हो सकती है।

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सीधे कर दी नियुक्ति

नए जिला अध्यक्षों में महिलाओं को जगह देने के साथ ही अब यह आरोप भी सामने आने लगे हैं कि जिन 7 जिलों में महिलाओं को अध्यक्ष बनाया गया, उनमें से झुंझुनूं, दौसा और जोधपुर देहात उत्तर में नियुक्ति प्रक्रिया में निर्वाचन की पारदर्शिता भी नहीं बरती गई, बल्कि सीधे नियुक्ति कर दी गई।

महिलाओं को लेकर यह आंकड़ा इसलिए भी चौका रहा है क्योंकि बीजेपी के राजस्थान में आने वाले केंद्रीय नेता लगातार यह दावा कर रहे हैं कि अगली बार की संसद में महिलाओं की 33 फीसदी की भागीदारी होगी। पार्टी में महिलाओं को 33 फीसदी स्थान दिया जाएगा। लेकिन शायद राजस्थान बीजेपी में इन दिनों कुछ भी ठीक-ठाक नहीं चल रहा है।

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केंद्रीय से हरी झंडी मिलने का इंतजार

एक तो लंबे वक्त से प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ अपनी खुद की नई कार्यकारिणी को केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। वे खुद भी यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि पुराने पदाधिकारियों के साथ काम करने में उन्हें किस तरह से कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यही कारण है कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर जिला अध्यक्षों का चुनाव तो करवा दिया। लेकिन अपनी खुद की कार्यकारिणी के साथ अब तक खुलकर अपना काम शुरू नहीं कर पा रहे हैं। राठौड़ को उनसे पहले के राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी के पदाधिकारियों के साथ ही अपना कामकाज करना पड़ रहा है। जिसका खामियाजा भी संगठन के कामकाज और अध्यक्ष के प्रतिष्ठा के रूप में कई मौकों पर देखने को मिला। मगर सवाल यही है कि क्या सिर्फ कार्यकारिणी में पद देकर महिलाओं को बराबरी का हक मिलेगा या फिर नेतृत्व की शीर्ष जिम्मेदारी में भी उन्हें बराबर जगह दी जाएगी?

First published on: Jun 20, 2025 03:06 PM

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