Bhajanlal Cabinet Decision : राजस्थान सरकार कोचिंग स्टूडेंट की आत्महत्या रोकने और कोचिंग सेंटर पर कंट्रोल के लिए नया बिल लाने जा रही है। सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कोचिंग सेंटर पर कंट्रोल वाले बिल को मंजूरी मिली। विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में ही इस बिल को पेश किया जाएगा। बिल के प्रावधानों के मुताबिक, 50 या इससे ज्यादा विद्यार्थियों वाले कोचिंग सेंटर कानून के दायरे में लाए जाएगे। 50 या इससे ज्यादा स्टूडेंट वाले कोचिंग सेंटरों को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।
प्रदेश में राजस्थान कोचिंग इंस्टिट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, उसे शिक्षा विभाग के सचिव इस अथॉरिटी के अध्यक्ष होंगे। कोचिंग सेंटरों पर मॉनिटरिंग और विद्यार्थियों की सुविधा के लिए एक राज्यस्तरीय पोर्टल और काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन भी बनाई जाएगी। इस कानून के बाद हर कोचिंग सेंटरों को रजिस्ट्रेशन करना होगा।
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राज्य की नई कौशल नीति को मिली मंजूरी
भजनलाल शर्मा कैबिनेट ने राज्य की नई कौशल नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के अनुसार, इंडस्ट्री की मांग के अनुसार कुशल प्रोफेशनल और कामगार तैयार किए जाएंगे। युवाओं को इंडस्ट्री की डिमांड के हिसाब से स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार पाने की योग्य बनाया जाएगा।
सभी आईटीआई को उन्नत कौशल केंद्र में करेंगे विकसित
इस नीति के अनुसार, प्रदेश की सभी आईटीआई को नए जमाने के हिसाब से उन्नत कौशल केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। भजनलाल सरकार कैबिनेट की बैठक में मिली मंजूरी के बाद संभाग मुख्यालय में मॉडल करियर सेंटर बनाए जाएंगे, जहां युवाओं को करियर काउंसलिंग से लेकर इंटर्नशिप और रोजगार के अवसरों की जानकारी दी जाएगी। प्रदेशभर में अलग-अलग सेक्टर के अनुभवी श्रमिकों के कौशल का सर्टिफिकेशन किया जाएगा, इसके लिए कैंप लगाए जाएंगे। स्किल यूनिवर्सिटी का मॉर्डनाइजेशन करके विशेष कौशल केंद्र बनाए जाएंगे।
दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति को मंजूरी
कैबिनेट ने दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति 2024 को मंजूरी दी। इस नीति के तहत सरकारी दफ्तरों में विशेष योग्यजन की एंट्री को बढ़ाकर मुक्त बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार के सभी संस्थाओं में ऐसी सुविधा विकसित की जाएगी, ताकि दिव्यांगजनों को आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं हो। दिव्यांग कर्मचारी के लिए भी सभी सरकारी दफ्तर में उनके सुविधा के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। सारी सुविधाएं भारत सरकार के मापदंडों के हिसाब से विकसित की जाएंगी। इसके तहत रैंप बनाने से लेकर ईजी अप्रोच के लिए जरूरी सभी संसाधन विकसित किए जाएंगे।
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इस नीति के तहत विषय दिव्यांगों को रोटेशनल टाइप ट्रांसफर से मुक्त रखा जाएगा और उनके तबादले कम से कम हो, यह कोशिश होगी। हर विभाग दिव्यांगों की भर्ती की देखरेख उनकी नियुक्ति और उनके रिकॉर्ड को मेंटेन करने के लिए संपर्क अधिकारी को नियुक्त करेगा।
कर्मचारियों को अब ग्रेच्युटी का लाभ 1 जनवरी 2024 से मिलेगा
राज्य के सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अनुसार 1 जनवरी 2024 से बढ़ी हुई ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी। सरकार ने बजट में इसकी घोषणा की थी। राज्य सरकार ने रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेट ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख से बढ़कर 25 लाख रुपये कर दी है।
सोलर प्लांट्स के लिए जमीन का आवंटन
जैसलमेर जिले की पोकरण तहसील के नूर कला गांव में 400 मेगावाट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट के लिए 77.46 एक्टर जमीन इंफ्रा विंड एनर्जी लिमिटेड को आवंटित करने की अनुमति मिली। कैबिनेट ने सोलर पार्क के लिए फलोदी के बाप तहसील में 158.23 हेक्टेयर जमीन, एसकेपी ग्रीन वेंचर्स को आवंटित करने की मंजूरी दी। इसी तरह बीकानेर जिले की छत्तीसगढ़ तहसील के गांव कला में बेहतर मेगावाट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट के लिए 143.96 हेक्टर जमीन एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड को सशस्त्र कीमत आवंटन करने की अनुमति दी गई है। एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी को 339 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट के लिए बीकानेर तहसील के कालासर और सवाई सर में 181 पॉइंट 40 सेक्टर और छत्तीसगढ़ तहसील के गांव कला में 495.33 हेक्टेयर जमीन की जाएगी। उदयपुर जिले की भिंडर तहसील के खेड़ा गांव में 73.98 हेक्टर जमीन 765 केवी सबस्टेशन ऋषभदेव के लिए पावर ग्रिड कॉरपोरेशन आफ इंडिया की सब्सिडियरी कंपनी को आवंटित की जाएगी।