अलवर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां तीन इंजीनियरों ने मिलकर 150 करोड़ रुपए का ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चला रखा था। यह सट्टा कोई आम खेल नहीं था, बल्कि इसमें 60 हजार से ज्यादा लोग जुड़े हुए थे और करोड़ों का लेनदेन वर्चुअल करेंसी और हवाला के जरिए हो रहा था। पुलिस ने जब जांच शुरू की तो बड़े-बड़े खुलासे हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रॉपर्टी खरीदी गई, दुबई तक लेनदेन हुआ। यह गिरोह हाईटेक तरीके से सट्टा चला रहा था, लेकिन आखिरकार पुलिस के जाल में फंस ही गया।
ऑनलाइन सट्टा गिरोह का भंडाफोड़
अलवर पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन इंजीनियरों को गिरफ्तार किया है। यह सट्टा गिरोह करीब 150 करोड़ रुपए की राशि को वर्चुअल करेंसी और हवाला के जरिए चला रहा था। पुलिस को इस सट्टे से जुड़े लैपटॉप, मोबाइल, ATM कार्ड और दस्तावेजों से अहम सबूत मिले हैं। गिरफ्तार इंजीनियरों के पास से एक कार, दो लैपटॉप, छह मोबाइल और 15 ATM कार्ड जब्त किए गए हैं। पुलिस ने इन्हें छह दिन के रिमांड पर लिया है और पूछताछ जारी है।
वर्चुअल करेंसी से लगाया जाता था सट्टा
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह 30 वेबसाइटों के जरिए ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा चला रहा था, जिसमें लगभग 60 हजार से अधिक ग्राहक जुड़े हुए थे। ASP तेजपाल ने बताया कि MIA थाना प्रभारी अजीत बड़सरा और साइबर सेल के संदीप की मदद से नितिन पालीवाल, महेश शर्मा और पीयूष शर्मा को गिरफ्तार किया गया है। तीनों आरोपी अलवर के रहने वाले हैं और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। इनकी वेबसाइट पर वर्चुअल करेंसी के जरिए सट्टा लगाया जाता था, जबकि असली पैसे का लेनदेन हवाला नेटवर्क के जरिए किया जाता था।
सट्टे की कमाई से खरीदी प्रॉपर्टी
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने सट्टे की कमाई से MP, राजस्थान और UP जैसे राज्यों में कई जगहों पर प्रॉपर्टी भी खरीदी है। अलवर में इन्होंने ‘डग आउट स्पोर्ट्स क्लब’ भी खोला हुआ था, जो सट्टे के पैसे को छुपाने का एक जरिया बना हुआ था। इसके अलावा अलवर के MIA इलाके में भी इन्होंने संपत्ति खरीदी है। पुलिस को अपना घर शालीमार में भी इनके कई फ्लैट होने की जानकारी मिली है। दस्तावेजों की जांच की जा रही है ताकि संपत्तियों के बारे में पुख्ता जानकारी मिल सके।
बाकी आरोपियों की तलाश जारी
पुलिस अब इस गिरोह के बाकी सदस्यों और हवाला नेटवर्क से जुड़े लोगों की भी तलाश कर रही है। लैपटॉप और वेबसाइट से मिले डाटा में करोड़ों रुपए की जानकारी दर्ज है, जिसकी गहन जांच की जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि इस जांच से सट्टा कारोबार में शामिल और भी लोगों के नाम सामने आएंगे। यह मामला अब साइबर क्राइम, आर्थिक अपराध और अंतरराष्ट्रीय हवाला नेटवर्क से जुड़ चुका है, इसलिए पुलिस केंद्र और राज्य एजेंसियों से समन्वय बनाकर इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने में जुटी है।