Rajasthan News: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अपने चरम पर है, लेकिन इसी बीच राजस्थान की राजनीति भी अचानक गरमाने लगी है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की नई दिल्ली यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात ने प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को तेज कर दिया है. दरअसल, गुजरात में हुए मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद यह अटकलें जोरों पर थीं कि राजस्थान में भी जल्द ही कैबिनेट विस्तार या फेरबदल हो सकता है. हालांकि अंता विधानसभा उपचुनाव के चलते इस पर अस्थायी विराम लग गया था, मगर मुख्यमंत्री का यह दिल्ली दौरा अब इस पूरे ‘होमवर्क’ के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. जिसमें तय किया जाएगा कि किन चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए और किन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाए.
राजस्थान में फिलहाल 24 मंत्री
राजस्थान में फिलहाल कुल 24 मंत्री हैं. जिनमें 12 कैबिनेट, 9 राज्य मंत्री, 2 उपमुख्यमंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री शामिल हैं. मंत्रिमंडल में छह पद खाली हैं और संभावना जताई जा रही है कि अंता उपचुनाव के बाद इन पदों पर नए चेहरों को जगह दी जा सकती है. कई चेहरे को बदला भी जाएगा. सूत्रों का कहना है कि आगामी निकाय और पंचायती राज चुनावों से पहले भजनलाल शर्मा सरकार कैबिनेट विस्तार कर संगठन और सरकार, दोनों को सशक्त करने का संकेत देना चाहती है.
अभी तक नहीं हो पाया प्रदेश कार्यकारिणी का गठन
इस मुलाकात का दूसरा पहलू सत्ता और संगठन के बीच तालमेल को मजबूत करने से जुड़ा बताया जा रहा है. पार्टी अध्यक्ष मदन राठौड़ को पद संभाले दो साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है. ऐसे में अब इस दिशा में भी जल्द फैसले की संभावना जताई जा रही है. सूत्र बताते हैं कि संगठन में उन नेताओं और गुटों को समायोजित करने की तैयारी है, जो लंबे समय से उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. इससे सरकार और संगठन के बीच सामंजस्य का संतुलन बनाए रखने की कोशिश होगी.
भाजपा नेताओं ने अटकलों पर साधी चुप्पी
तीसरी सुगबुगाहट राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर है. भजनलाल सरकार के दो साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब तक कई बोर्ड, निगम और आयोगों में नियुक्तियां नहीं हुई हैं. ऐसे में पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को खुश करने के लिए अब इन पदों पर नियुक्तियों की घोषणा भी जल्द हो सकती है. हालांकि, भाजपा नेता फिलहाल इन अटकलों पर चुप्पी साधे हुए हैं. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से मुलाकात का मकसद राजस्थान को नई सौगातें दिलाना है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की कृषि मंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से भी बातचीत हुई है. जिसमें राजस्थान से जुड़े अधूरे प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी देने और उनके लिए फंड आवंटन पर चर्चा हुई है. दिल्ली दौरे के नतीजे चाहे जो हों, लेकिन इतना तय है कि इसने राजस्थान की सियासत में हलचल जरूर बढ़ा दी है.










