जयपुर: राजस्थान में बढ़ती लंपी स्किन डिजीज को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है। दोनों पार्टियां लंपी स्किन डिजीज को लेकर राजनीति करती हुई नजर आ रही हैं। पार्टियों की इस राजनीति की भेंट राज्य का बेजुबान गोवंश चढ़ रहा है, रोज हजारों गायें इस बीमारी से दम तोड़ रही हैं। राजस्थान के कई इलाकों में तो अब मरी हुई गायों को फेंकने के लिए भी जगह नहीं बची है। गांवों में बदबू फैलने से इंसानों में भी महामारी फैलने का खतरा बढ़ता जा रहा है। लेकिन राजस्थान के जिम्मेदार लोग आपस में ही एकदूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। आज ऐसा ही एक वाकया सदन में देखने को मिला जहाँ केवल सियासत की जा रही है।
बात दें कि लम्पी बीमारी को लेकर आज राजस्थान विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। लंपी डिजीज से जुड़े सवाल पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार इस बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं करेगी तो क्या राज्य सरकार पशुपालकों को दूसरे राज्यों की तरह कोई मुआवजा नहीं देगी? उनके इस सवाल पर गोविंद सिंह डोटासरा ने खडे होकर कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय आपदा घोषित क्यों नहीं करेगी? इसे लेकर डोटासरा और कटारिया के बीच तीखी नोकझोंक हुई और सदन में हंगामा शुरू हो गया।
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने डोटासरा का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह किस अधिकार से खड़े होकर बोल रहे हैं। इस पर डोटासरा समेत कांग्रेस के विधायक सदन में हंगामा करने लगे। वहीं, मामला बिगड़ते देख स्पीकर जोशी ने बीच बचाव करते हुए कहा कि संबंधित मंत्री ही सवाल का जवाब देंगे।
इस पर मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि लंपी को प्राकृतिक आपदा घोषित करने के बाबत राज्य की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है, जिसमें सभी समस्याओं को इंगित करने के साथ ही पशुपालकों को यथाशीघ्र राहत देने को मुआवजा की भी बात कही गई है।
आपको बता दें लंपी बीमारी को लेकर बीजेपी ने मंगलवार को सदन के बाहर और अंदर विरोध प्रदर्शन किया था। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया लगातार सरकार को घेर रहे हैं। बीजेपी का आरोप है कि गहलोत सरकार ने गौवंश को बचाने के लिए ठोस कार्ययोजना नहीं बनाई है। जिसके कारण गौवंश की मौत हो रही है। सरकार सिर्फ खानपूर्ति कर रही है।